500-500 में ख़रीदे 22 बच्चे, बंधक बनवाकर करवाया 18 घंटे काम.., मासूमों पर इतना जुल्म कि कांप उठेगी रूह !
500-500 में ख़रीदे 22 बच्चे, बंधक बनवाकर करवाया 18 घंटे काम.., मासूमों पर इतना जुल्म कि कांप उठेगी रूह !
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जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर लाख की चूड़ियों के लिए मशहूर है। लगभग हर महिला लाख से बने आभूषणों से अपना श्रृंगार करना पसंद करती है। मगर, क्या अपने कभी सोचा है कि यह लाख की चूड़ियां कितनी जिंदगियां बर्बाद कर रही हैं। दरअसल, पिंक सिटी जयपुर की भीतरी गलियों में बनने वाले लाख के गहनों को कोई और नहीं बल्कि छोटे-छोटे बच्चे बनाते हैं। ये वही बच्चे हैं, जिन्हे 500-500 रुपए में बिहार से ख़रीदा गया और फिर उन्हें जयपुर लाकर बंधक बना दिया गया। इन बच्चों से दिन के 18-18 घंटे काम करवाया जाता था और उन्हें प्रताड़ित किया जाता था। 

दरअसल, 12 जून को पुलिस और एक बाल संस्था ने जयपुर में स्थित भट्टाबस्ती से ऐसे ही 22 मासूमों को रेस्क्यू किया है। जिनसे जबरदस्ती लाख के गहने बनवाए जा रहे थे। ये छोटे-छोटे बच्चे अपनी खुशी से ये काम नहीं कर रहे थे। बल्कि, पढ़ने और खेलने-कूदने की उम्र में ही इनसे इनका बचपन छीन लिया गया था। पुलिस ने जिन बच्चों को रेस्क्यू किया वे सभी बिहार के सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर के निवासी हैं। रेस्क्यू के बाद जब बाल संस्था और पुलिस को पता चला कि इन मासूमों से दिन के 18-18 घंटे काम करवाया जाता है और खाने के नाम पर केवलदो वक्त खिचड़ी दी जाती है, तो पुलिसकर्मियों की भी आँखें भर आईं। बच्चों ने बताया कि उन्हें शाहनवाज उर्फ गुड्डू नामक एक शख्स ने उनके माता-पिता को महज 500-500 रुपये देकर खरीद लिया और बिहार से यहां ले आया।

यहां शाहनवाज़ उन्हें एक कमरे में बंद करके रोज सुबह से 6 बजे से रात के 11 बजे तक लाख के गहने बनवाता था।  हर दिन सुबह-शाम खिचड़ी खाकर बच्चे बीमार भी पड़ जाते थे। मगर, आरोपी शाहनवाज को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वह तब भी इन मासूमों के साथ जानवरों जैसा सलूक करता था। रेस्क्यू किए गए बच्चों ने पुलिस के सामने कहा कि इस काम में शाहनवाज की बीवी भी शामिल है। दोनों के खुद के चार बच्चे भी हैं, जिन्हें शाहनवाज और पत्नी छापेमारी के वक़्त वहीं छोड़कर भाग निकले। पुलिस ने जब रेस्क्यू किए गए बच्चों का मेडिकल करवाया तो इनमें से 11 वर्षीय एक बच्चा जांच में कुपोषित निकला, जिसे अस्पताल में एडमिट करा दिया गया है।

इन बच्चों को खाने में सुबह शाम केवल खिचड़ी ही दी जाती। जिसे खाकर वह इतने ऊब चुके थे कि जब खाना आता तो वह उसकी खुशबू से कई बच्चों को उल्टी हो जाती थी। आरोपी उतनी ही खिचड़ी देता था, जिससे बच्चे केवल जिंदा रह सकें। वहीं, एक 9 वर्षीय बच्चे ने छाती में दर्द की शिकायत कर रोते हुए बताया कि चूड़ी पर सीधे मोती नहीं लगे, तो आरोपी शाहनवाज़ ने उसे पहले लोहे की रॉड से पीटा और फिर छाती पर लात मारी, जिससे बच्चे की पसलियों में सूजन आ गई। फिलहाल पुलिस शाहनवाज और उसकी पत्नी की तलाश में लग गई है। वहीं, आरोपी पति-पत्नी के 4 बच्चे पुलिस के ही पास हैं।

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