मुंबई : प्रदेश में मराठा आरक्षण के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट अब 14 फरवरी को सुनवाई करेगा. उल्लेखनीय है कि 30 नवंबर, 2018 को महाराष्ट्र विधानमंडल ने मराठाओं के लिए 16 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था वाला विधेयक पारित किया था. वही इस विधेयक के पारित होने के बाद मराठा आरक्षण के पक्ष और विपक्ष में कई याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गई थीं.
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ऐसे है पूरा मामला
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मराठा आरक्षण को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा था कि मराठाओं को आरक्षण देने का महाराष्ट्र सरकार का फैसला चुनावी हथकंडा और राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने यह भी दावा किया था कि सरकार के पास ऐसा फैसला करने की विधायी शक्ति नहीं है. न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की खंडपीठ ने बड़ी तादाद वाले मराठा समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में 16 फीसदी आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को आखिरी सुनवाई शुरु की थी.
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कई याचिकाएँ लगाई गई
प्राप्त जानकारी के अनुसार याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि सरकार के इस फैसले को निरस्त कर दिया जाए, क्योंकि सरकार के पास ऐसा विधेयक पारित करने की विधायी शक्ति नहीं है. वही मराठा आरक्षण के पक्ष और विपक्ष में कई याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गई है.जिन पर लगातार सुनवाइयों का दौर जारी है.
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