न्यायालय ने हड़ताली चिकित्सकों को काम पर लौटने को कहा
न्यायालय ने हड़ताली चिकित्सकों को काम पर लौटने को कहा
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मुंबई। मुंबई में रेजिडेंट चिकित्सकों की हड़ताल को लेकर उच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि चिकित्सक काम पर नहीं आना चाहते हैं तो फिर उन्हें इस्तीफा देना होगा। उच्च न्यायालय ने रेजिडेंट चिकित्सकों के व्यवहार को बेहद शर्मनाक बताया है। इन चिकित्सकों ने धुले और सिओन चिकित्सालय में मरीज के परिजन द्वारा रेजिडेंट चिकित्सकों की पिटाई किए जाने के बाद अपना विरोध किया था और हडताल कर दी थी। चिकित्सकों ने राज्य के चिकित्सा शिक्षा प्रधान सचिव राजगोपाल देवड़ा से चर्चा की थी मगर चर्चा का कोई हल नहीं निकला।

दरअसल राज्य के 4 हजार से भी अधिक रेजिडेंट चिकित्सकों ने मंगलवार को दूसरे दिन हड़ताल की थी। हड़ताल के दौरान विभिन्न चिकित्सालयों में मरीज परेशान रहे और उन्हें उपचार नहीं मिल पाया। बड़े पैमाने पर मरीजों की अस्पताल में मौजूदगी थी। वार्डस में भी मरीज चिकित्सकों के अभाव में आराम कर रहे थे।

मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेलुर व जस्टिस जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता अफाक मांडवीय द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई कर दी। न्यायालय की खंडपीठ द्वारा कहा गया कि आखिर चिकित्सक ऐसा व्यवहार किस तरह से कर सकते हैं। महाराष्ट्र के रेजिडेंट चिकित्सक संघ द्वारा कहा गया कि प्रारंभिक तौर पर ओपीडी प्रभावित हुई।

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