कौन था मीर जाफ़र ? जिसकी राहुल गांधी से तुलना कर रही भाजपा
कौन था मीर जाफ़र ? जिसकी राहुल गांधी से तुलना कर रही भाजपा
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नई दिल्ली: केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता बीते कई दिनों से कांग्रेस के लोकसभा सांसद राहुल गांधी द्वारा लंदन में की गई टिप्पणियों को लेकर माफी की मांग कर रहे है। मंगलवार (21 मार्च) को संसद के बजट सत्र की कार्यवाही आरम्भ होने से ठीक पहले भाजपा ने कहा है कि हम राहुल गांधी से माफी मंगवाकर ही रहेंगे।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि राहुल गांधी ने विदेश में भारत का अपमान किया है, जो कि सही नहीं है। पात्रा ने राहुल गांधी की संसद में उपस्थिति (Attendance) का हवाला देते हुए कहा कि इनकी तुलना में केरल के अन्य सांसदों की सदन में उपस्थिति कहीं अधिक रही है। लंदन में दिए गए विवादित बयानों को लेकर शुरू से हमलावर रही भाजपा ने अब राहुल गांधी को मौजूदा राजनीति का' मीर जाफर' बताया है। भाजपा ने कहा है कि राहुल गांधी ने देश में विदेशी ताकतों को न्योता दिया है। राहुल गांधी ने मीर जाफर जैसा काम किया है।

राहुल गांधी की संसद में उपस्थिति पर तंज कसते हुए संबित पात्रा ने कहा है कि केरल के अन्य सांसदों की संसद में उपस्थिति 84 फीसदी है, जबकि राहुल गांधी की महज 52 फीसदी है। जबकि वे भी उसी केरल से सांसद हैं। भाजपा ने कहा कि, जो सांसद नियमित रूप से सदन में ही नहीं आता, वो ये आरोप लगाए कि उसे बोलने नहीं दिया जाता, अपने आप में हास्यपद है। पात्रा ने कहा कि उन्होंने विदेश में भारत की जो बदनामी कराई है वो सही नहीं है, उन्हें माफी मांगनी ही पड़ेगी।

कौन था मीर जाफ़र:-

बता दें कि, मीर जाफ़र 1757 से 1760 तक बंगाल का नवाब था। पहले वह सिराजुद्दौला का सेनापति था। वह ऐसा व्यक्ति था, जो दिन रात बंगाल का नवाब बनने का सपना देखता था। वह प्लासी के युद्ध में सिराजुद्दौला को धोखा देकर अंग्रेज़ अफसर रोबर्ट क्लाइव के साथ मिल गया क्योंकि रोबर्ट क्लाइव ने मीर जाफ़र को बंगाल का नवाब बनाने का लालच दे दिया था। इस घटना को भारत में ब्रिटिश राज की स्थापना की शुरुआत माना जाता है और आगे चलकर मीर जाफ़र का नाम भारतीय उपमहाद्वीप में 'देशद्रोही' व 'ग़द्दार' का पर्यायवाची बन गया। अब राहुल गांधी ने भी ब्रिटेन में कहा था कि, 'भारत में लोकतंत्र मर रहा है और इसकी रक्षा करने का दावा करने वाले अमेरिका और यूरोप चुपचाप देख रहे हैं।' राहुल गांधी ने इस बयान के जरिए एक तरह से अमेरिका-ब्रिटेन से भारत में हस्तक्षेप करने की अपील की थी, जिसे भारत के अपमान के रूप में देखा जा रहा है। विरोधियों द्वारा कहा जा रहा है कि, कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही है, इसलिए राहुल गांधी सत्ता प्राप्ति के लिए विदेशियों से मदद मांग रहे हैं और दुहाई लोकतंत्र की दे रहे हैं इससे पहले इंद्रेश कुमार भी कह चुके हैं कि, राहुल गांधी सत्ता हासिल करने के लिए अंग्रेज़ों से भी हाथ मिला लेंगे। 

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