कांग्रेस की यह मजबूरी है कि वह जीवित रहने के लिए एआईयूडीएफ के साथ हाथ मिलाए: स्मृति ईरानी

कांग्रेस की यह मजबूरी है कि वह जीवित रहने के लिए एआईयूडीएफ के साथ हाथ मिलाए: स्मृति ईरानी
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गुवाहाटी: देश में अभी चुनावों का दौर चल रहा है वही इस बीच असम में 47 विधानसभा सीटों के लिए 27 मार्च को प्रथम चरण का मतदान हो चुका है तथा द्वितीय चरण में 1 अप्रैल (39 विधानसभा) तथा तृतीय चरण में 6 अप्रैल (40 विधानसभा) को वोट डाले जाएंगे। इस बीच भाजपा नेता तथा केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को प्रदेश का दौरा किया, जहां उन्होंने गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, साथ ही नलबाड़ी शहर के बोरभाग तथा और धुबरी शहर के गौरीपुर में चुनावी रैलियों को संबोधित किया। इस के चलते ईरानी ने कांग्रेस पर खूब निशाना साधा।

गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहते हुए ईरानी ने बताया कि कांग्रेस इतनी विवश है कि स्वयं को राजनीतिक तौर पर जीवित रखने के लिए उसे AIUDF का सहारा लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “यह कांग्रेस की विवशता है कि वह जीवित रहने के लिए एआईयूडीएफ के साथ हाथ मिलाए। एक कहावत है ‘डूबते को तिनके का सहारा’, किन्तु क्या वे एक-दूसरे का समर्थन पा रहे हैं? असम के लिए एक अच्छे भविष्य का निर्माण कर सकते हैं?” ईरानी ने कहा कि इस प्रकार के गठबंधन सिर्फ राजनीति तक सीमित हैं, वे जनता से किए गए विकास के किसी भी वादे को पूरा करते हैं क्या?

वही कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी AIUDF को सांप्रदायिक पार्टी करार देते हुए ईरानी ने बताया, “लोगों के बीच सांप्रदायिक वैमनस्य मत फैलाओ तथा भाइयों को मत लड़वाओ। असमिया लोग अपने परिवारों के विकास तथा कल्याण के लिए मतदान करेंगे।” उन्होंने कहा कि दोनों विपक्ष व्यक्तियों को विकास की राजनीति से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि कांग्रेस 2001 से 2016 तक निरंतर तीन बार असम की सत्ता में थी। वहीं, अपनी चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी वाड्रा का बिना नाम लिए उन्हें निशाने पर लिया तथा कहा, “कुछ दिनों पहले गांधी परिवार के दो सदस्य असम आए थे। वे असमिया संस्कृति को नहीं जानते तथा सिर्फ परिवार को बचाने के लिए सियासत करते हैं।” 

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