कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन बीच इससे जुड़ी भ्रामक जानकारियां भी लोगों तक पहुंच रही हैं, जिनसे उनकी समस्याएं और बढ़ जा रही हैं. इसे ध्यान में रखते हुए देश भर के प्रतिष्ठित कॉलेजों के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, इंजीनियरों, डॉक्टरों, पब्लिक हेल्थ शोधकर्ताओं, साइंस कम्युनिकेटर्स और छात्रों ने इंडियन साइंटिस्ट्स रिस्पॉऩ्स टू कोविड-19 नाम से एक मुहिम चलाई है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस मुहिम से टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की संध्या कौशिका, आईएमएससी चेन्नई और मदुरई कामराज यूनिवर्सिटी के एस. कृष्णास्वामी, अशोका यूनिवर्सिटी और आईएमएससी चेन्नई के गौतम मेनन, साउथ अफ्रीकन रेडियो एस्ट्रोनॉमी ऑब्जरवेटरी और एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के मोहन रामानुजम, आईएमएससी चेन्नई के आर रामानुजम, अशोका यूनिवर्सिटी के एल एस शशिधरा, आईएमएससी, चेन्नई के राहुल सिद्धार्थन और निमहंस बेंगलुरु की रितिका सूद प्रमुख हैं.
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अपने बयान में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की एसोसिएट प्रोफेसर और इंडियन साइंटिस्ट्स रिस्पांस टू कोविड-19 की वालंटियर संध्या कौशिका ने बताया कि एक तरफ कोरोना से देश जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसके बारे में हॉक्स (फेक) जानकारियां भी फैलाई जा रही हैं. ऐसे में हमने मार्च के अंतिम सप्ताह से कोरोना के बारे में फैल रही भ्रामक जानकारियों को दूर करने के लिए मुहिम शुरू की. हमारा मकसद है कि लोगों तक सही जानकारी वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर पहुंचे.
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