'हाँ वहां मंदिर था, तो क्या ..', ज्ञानवापी की ASI रिपोर्ट पर बोले इतिहासकार इरफ़ान हबीब
'हाँ वहां मंदिर था, तो क्या ..', ज्ञानवापी की ASI रिपोर्ट पर बोले इतिहासकार इरफ़ान हबीब
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नई दिल्ली: वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट में इस जगह पर हिंदू मंदिर बताए जाने को लेकर चर्चा तेज है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार (25 जनवरी) को रिपोर्ट के बारे में प्रेस को जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि इस रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा गया है कि ज्ञानवापी में पहले हिंदू मंदिर था। अब इस ASI रिपोर्ट पर इतिहासकार, JNU प्रोफेसर एवं पद्म भूषण से सम्मानित प्रोफेसर इरफान हबीब का बयान सामने आया है।

इरफ़ान हबीब ने इस दावे को स्वीकार किया है कि, वहां मंदिर ही था। लेकिन उन्होंने यह भी पूछा है कि देश में क्या अब यही सब चलता रहेगा? मीडिया से बातचीत में प्रोफेसर इरफान हबीब ने कहा है कि, "ये एक तरह से सही है। लेकिन, क्या अब देश में यही चलता रहेगा कि कहां कहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई। ज्ञानवापी मस्जिद के स्थान पर हिन्दू मंदिर होने के सवाल पर इरफ़ान हबीब ने कहा कि, 'हां यह सही है। इसका उल्लेख कई किताबों में भी आया है। मगर, क्या देश में यही चलता रहेगा। मस्जिदों को तोड़कर मंदिर बनाने का सिलसिला आखिर कब तक ऐसे ही जारी रहेगा। जहां आज मस्जिद हैं, उन्हें तोड़कर उस जगह पर मंदिर बना दिया जाए?

इरफ़ान हबीब ने कहा कि ज्ञानवापी मामले में ASI के सर्वे की कोई आवश्यकता ही नहीं थी। आलमगीर (औरंगज़ेब) की पुस्तक में भी इस बात (मंदिर होने का) का जिक्र है और सर जदुनाथ सरकार की किताब पढ़ लेते, तो पूरी सच्चाई समझ में आ जाती। अब जाहिल हैं, जिन्होंने किताब नहीं पढ़ी। उसका क्या किया जाए। बता दें कि, इससे पहले भी इरफ़ान दावा कर चुके हैं कि, औरंगज़ेब ने ही काशी और मथुरा के मंदिर तुड़वाए थे, इसके कई प्रमाण मौजूद हैं. लेकिन अब क्या किया जाए .

वहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ASI रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद वहां पहले से मौजूद एक पुराने मंदिर के अवशेषों पर खड़ी की गई थी। जैन ने मीडिया को बताया कि ASI की 839 पन्नों वाली सर्वेक्षण रिपोर्ट की प्रतियां गुरुवार देर शाम कोर्ट द्वारा संबंधित पक्षों को उपलब्ध करा दी गईं। जैन ने कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि मस्जिद पहले से मौजूद मंदिर को तोड़कर उसके अवशेषों से तैयार की गई थी।

जैन ने कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट में मंदिर के अस्तित्व के पर्याप्त प्रमाण मिलने का दावा है, जिस पर मस्जिद का निर्माण किया गया था।  बता दें कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पर ASI सर्वेक्षण रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों सहित कुल 11 लोगों ने कोर्ट में अर्जी दी थी।

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