'सत्ता परिवर्तन के बाद NEET एग्जाम को हटा देंगे..', तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन का बड़ा दावा
'सत्ता परिवर्तन के बाद NEET एग्जाम को हटा देंगे..', तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन का बड़ा दावा
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चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आज सोमवार (14 अगस्त) को NEET परीक्षा से संबंधित आत्महत्याओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा, "हम निश्चित रूप से NEET को हटा सकते हैं, जो छात्रों के लक्ष्यों में बाधा है।" क्रोमपेट से NEET के अभ्यर्थी जेगदीश्वरन की आत्महत्या पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए, स्टालिन ने छात्र समुदाय से अपील की है कि वे अतिवादी कदम न उठाएं और जेगडीश्वरन की मौत का रास्ता न चुनें।

उन्होंने कहा कि, 'मैं सभी छात्रों से कह रहा हूं - किसी भी स्थिति में किसी को भी अपनी जान नहीं गंवानी चाहिए। हम निश्चित रूप से NEET को हटा सकते हैं जो आपके लक्ष्यों में बाधा है। तमिलनाडु सरकार काम कर रही है और इस दिशा में कानूनी कदम उठा रही है। स्टालिन ने NEET पर उनकी हालिया टिप्पणियों के लिए गवर्नर आरएन रवि की भी कड़ी आलोचना की और कहा कि, 'जब हम जिस राजनीतिक बदलाव (सत्ता परिवर्तन) की आकांक्षा रखते हैं, वह कुछ महीनों में हो जाएगा, तो NEET की दीवार गिर जाएगी और जिन्होंने कहा था कि वे NEET को हटाने के लिए विधेयक को मंजूरी नहीं देंगे, वह गायब हो जाएगा।' बता दें कि, गवर्नर ने NEET परीक्षा को हटाने वाले बिल पर कहा था कि, वे इसे मंजूरी देने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि योग्यता परीक्षा बनी रहेगी और वह चाहते हैं कि हर बच्चा प्रतिस्पर्धी बने। उन्होंने कहा, “कोई भ्रम न रहे, NEET देश में रहने वाला है। मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे प्रतिस्पर्धी बनें, देश में सर्वश्रेष्ठ बनें।” राज्यपाल आरएन रवि ने रविवार को राजभवन में NEET टॉपर्स के साथ बातचीत करते हुए कहा कि वह तमिलनाडु को NEET से छूट देने वाले विधेयक पर कभी हस्ताक्षर नहीं करेंगे।

स्टालिन ने कहा कि, 'हमने NEET छूट विधेयक को दो बार पारित किया और राज्यपाल को भेजा। उन्होंने समय बिताया और अत्यधिक विलंब किया। हमने इसे दोबारा विधानसभा में पास किया। अगर सरकार इसे दूसरी बार भेजती है तो उसे मंजूरी देनी चाहिए। लेकिन उन्होंने इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया है। गवर्नर रवि का बुरा विचार यह है कि बिल कहीं चला जाना चाहिए और ठंडे बस्ते में डाल दिया जाना चाहिए।''  सीएम स्टालिन ने यह भी कहा कि राज्यपाल का अब इस बिल से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि, ''बिल उनके हस्ताक्षर का इंतजार नहीं कर रहा है। यह राष्ट्रपति पर निर्भर है। उनकी सहमति की अब जरूरत नहीं है।'' हालाँकि, सीएम स्टालिन के ऐलान पर कुछ सवाल भी उठाते हैं, वो ये कि, दबाव केवल NEET परीक्षा को लेकर ही नहीं है, स्कूली परीक्षाओं के दबाव में भी कई बच्चों के आत्महत्या करने के मामले सामने आते हैं, तो क्या ऐसे में परीक्षाएं ही रद्द कर देना, सही उपाय होगा ? क्या बच्चों पर से दबाव कम करने के लिए कोई अन्य कदम नहीं उठाए जा सकते ?

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