सीएम योगी आदित्यनाथ ने बच्चों की शिक्षा को बेहतर करने के लिए किया ऐसा काम
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बच्चों की शिक्षा को बेहतर करने के लिए किया ऐसा काम
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उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर प्रदेश के दो हजार बाल श्रमिकों को बड़ा तोहफा दिया है. प्रदेश का श्रम विभाग अब उनकी शिक्षा का पूरा खर्च उठाने के साथ बाल श्रम से मुक्त कराएगा.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रदेश में बाल श्रमिक विद्या योजना का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ किया. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह कंडीशनल कैश ट्रांसफर स्कीम है जिसका लाभ आठ से 18 वर्ष आयु वर्ग के उन कामकाजी बच्चों व किशोर किशोरियों को दिया जाएगा जो परिवार की विषम परिस्थितियों के कारण संगठित या असंगठित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. योजना के तहत हाईस्कूल उत्तीर्ण करने तक बालकों को 1000 और बालिकाओं को 1200 रुपये प्रति माह की दर से आर्थिक सहायता दी जाएगी. कक्षा आठ, नौ व दस उत्तीर्ण करने पर उन्हें प्रत्येक कक्षा के लिए 6000 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी. शुरुआत में इस योजना का लाभ प्रदेश के 2000 बच्चों को दिया जाएगा. इस कार्यक्रम में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और श्रम राज्य मंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी भी मौजूद थे. 

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अपने बयान में आगे सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि प्रदेश के दो हजार बाल श्रमिकों को श्रम विभाग न सिर्फ शिक्षा दिलाएगा बल्कि उनको बाल श्रम से भी मुक्त कराएगा. सीएम योगी आदित्यनाथ के कहा कि आज बाल श्रमिकों के लिए बेहद महान दिन है. अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर हमने भी एक संकल्प लिया है. प्रदेश सरकार बड़ा अभियान चलाकर गरीबों या फिर किसी अन्य कारण से बाल श्रम को मजबूर बच्चों को इससे मुक्ति दिलाएगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में पहले चरण में 18 अटल आवासीय विद्यालय खोलने जा रही है. जिसमें बाल श्रम में लगे बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा. पहले चरण में 18 अटल आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे. यह सभी मंडल मुख्यालय में 12 से 15 एकड़ के क्षेत्रफल में खोले जाएंगे. इसमें प्रवेश के लिए बच्चों को पांच वर्ग में बांटा जाएगा. इनमें बाल श्रम में लगे अनाथ या फिर बेरोजगार दिव्यांग मां-बाप के बच्चों को, असाध्य रोग से पीडि़त अभिभावकों के बच्चों को, भूमिहीन परिवार के बच्चों को या फिर लाचार बच्चों को रखकर उनको शिक्षा दी जाएगी. इसके साथ ही उनके हुनर को भी निखारने का काम किया जाएगा.

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