जेल में ही कटेगी 'मुख़्तार अंसारी' की पूरी जिंदगी, अवधेश राय हत्याकांड में कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद
जेल में ही कटेगी 'मुख़्तार अंसारी' की पूरी जिंदगी, अवधेश राय हत्याकांड में कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद
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लखनऊ: 31 साल पहले वाराणसी में कांग्रेस नेता अवधेश राय की दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर हत्‍या करने के मामले में अदालत ने मुख्‍तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुना दी है। साथ ही उस पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी ठोंका है। एक अन्‍य धारा के तहत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व अध्यक्ष मुख़्तार अंसारी पर 20 हजार रुपए का अतिरिक्‍त जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न चुका पाने की स्थिति में मुख्‍तार को छह माह और सजा भुगतनी होगी। 

सजा सुनाए जाने के दौरान मुख्‍तार वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बांदा जेल से सुनवाई में शामिल हुआ था। उसने पहले खुद को निर्दोष कहा,  फिर अपनी उम्र का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने के लिए गिड़गिड़ाने लगा। अपने गैंग के जरिए दशकों तक पूर्वांचल में आतंक का पर्याय रहा माफिया मुख्‍तार अंसारी को अपने गुनाहों की अब तक की सबसे बड़ी सजा मिली है। बता दें कि, मुख्‍तार पर 50 से अधिक मुकदमे दर्ज होने के बावजूद दशकों तक किसी मामले में दोषी नहीं ठहराया जा सका था, मगर ये शायद सत्ता परिवर्तन का ही असर है कि, बीते एक साल के दौरान ही उसे 4 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। वर्ष 1991 के अवधेश राय हत्‍याकांड में अब मुख़्तार की सारी उम्र जेल में ही काटने वाली है। बता दें कि, इस मामले में भी मुख़्तार बच निकलता, क्योंकि उसने अपने रसूख के बल पर अवधेश राय हत्यकांड की 'केस डायरी' को कोर्ट से ही गायब करवा दिया था, जिसके बाद आज कोर्ट ने बिना ओरिजिनल केस डायरी के ही मुख़्तार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। ध्यान रहे कि, मुख़्तार-अतीक जैसे माफियाओं का यूपी में ऐसा आतंक था कि, हाई कोर्ट के जज तक उनके मामले में सुनवाई करने से इंकार कर देते थे और जो सुनवाई करते भी, उन्हें भी माफियाओं के ही पक्ष में फैसला सुनना पड़ता था। ये सब इसलिए होता था, क्योंकि, इन गैंगस्टर्स को सरकार का संरक्षण प्राप्त था। मुख़्तार को कानून से बचाने के लिए कांग्रेस ने भी भरपूर कोशिश की थी।  

मुख़्तार अंसारी और कांग्रेस:-

बता दें कि, माफिया मुख़्तार अंसारी के कांग्रेस के साथ पुराने पारिवारिक संबंध रहे हैं, गैंगस्टर के दादा मुख़्तार अहमद अंसारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। और 10 साल तक देश के उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी, मुख़्तार के चाचा हैं। बता दें कि, हामिद अंसारी पर भी उपराष्ट्रपति रहते समय RAW एजेंट्स की जान खतरे में डालने के आरोप लगे थे। कांग्रेस से इन्ही संबंधों का नतीजा था कि, पंजाब की कांग्रेस सरकार ने मुख़्तार को अपनी जेल में रोके रखने के लिए हर संभव कोशिश की थी। बाद में पता चला था कि, पंजाब सरकार मुख़्तार को जेल में VIP ट्रीटमेंट दे रही थी। पंजाब की AAP सरकार में मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने दावा किया था कि, पूर्व की कांग्रेस सरकार ने मुख़्तार को जेल में VIP ट्रीटमेंट दिया और 55 लाख रुपए सुख-सुविधाओं पर खर्च किए, जिसे चुकाने से AAP सरकार ने साफ मना कर दिया था। बता दें कि, मुख्तार पंजाब की जेल में 2 साल 3 महीने तक बंद रहे। बाद में अदालत के आदेश पर मुख्तार को यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया गया। हालाँकि, यह भी एक सवाल है कि, अपनी ही पार्टी के नेता अवधेश राय की हत्या करने वाले मुख़्तार को कांग्रेस क्यों बचा रही थी ? क्या इसके पीछे वोट बैंक कारण था या पुराने पारिवारिक संबंध ?

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