कौन है डोमिनिक मार्टिन ? जिसने केरल की प्राथना सभा में किया ब्लास्ट, क्या 'हमास' से भी है कोई संबंध ?
कौन है डोमिनिक मार्टिन ? जिसने केरल की प्राथना सभा में किया ब्लास्ट, क्या 'हमास' से भी है कोई संबंध ?
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कोच्ची: फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के आतंकी खालिद मशाल द्वारा मल्लपुरम में जमात-ए-इस्लामी की रैली में ऑनलाइन भाषण देने के अगले ही दिन राज्य के एर्नाकुलम के कलामासेरी में एक कन्वेंशन सेंटर में सिलसिलेवार विस्फोट होने से देश की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। यह धमाके यहोवा के साक्षी (एक ईसाई संप्रदाय) की प्रार्थना सभा में हुए थे। विस्फोटों की जिम्मेदारी डोमिनिक मार्टिन नाम के एक व्यक्ति ने ली थी, जिसने बाद में अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इस घटना ने कई सवाल और चिंताएं छोड़ दी हैं, जिसके कारण पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों को व्यापक जांच करनी पड़ रही है।

दुबई कनेक्शन की जांच:-

जांच एजेंसियों द्वारा जांच किए जा रहे प्राथमिक पहलुओं में से एक संदिग्ध हमलावर डोमिनिक मार्टिन का दुबई कनेक्शन है। यह पता चला है कि मार्टिन विद्युत कार्य और सर्किटरी में विशेषज्ञता के साथ कई वर्षों तक संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में रहा और काम किया। दो महीने पहले ही भारत लौटने पर, उसने बच्चों के लिए अंग्रेजी ट्यूशन शुरू किया। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दुबई में रहने के दौरान मार्टिन किसके संपर्क में था और क्या इन संबंधों ने दुखद घटना में कोई भूमिका निभाई थी। साथ ही पुलिस उसकी पूरी कुंडली भी खंगाल रही है, और उसके पिछले आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी जुटाने की भी कोशिश कर रही है। 

पारिवारिक उपस्थिति:-

हैरानी की बात यह है कि यहोवा के साक्षी की प्रार्थना सभा के दौरान डोमिनिक मार्टिन की सास और साली कन्वेंशन सेंटर में मौजूद थीं। मार्टिन का दावा है कि उसने विस्फोटक उपकरण को उनसे दूर रखा है, यह बयान फिलहाल पुलिस की जांच के अधीन है।

NSG और NIA की भागीदारी:-

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच की जिम्मेदारी संभाल ली है। वे घटनास्थल की सावधानीपूर्वक जांच कर रहे हैं और कन्वेंशन सेंटर परिसर में खड़े वाहनों का निरीक्षण करने के लिए खोजी कुत्तों का उपयोग कर रहे हैं। ये वाहन उस दुर्भाग्यपूर्ण रविवार को प्रार्थना सभा में उपस्थित लोगों के थे।

फेसबुक लाइव कन्फेशन:-

एक विचित्र मोड़ में, डोमिनिक मार्टिन ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने से पहले फेसबुक लाइव किया। लाइव स्ट्रीम के दौरान, उसने इस धार्मिक समूह (यहोवा साक्षी) का हिस्सा होने के बावजूद, यहोवा के साक्षियों की शिक्षाओं पर अपनी असहमति व्यक्त की। मार्टिन ने यहोवा के साक्षियों की विचारधारा की निंदा की और आरोप लगाया कि वे बच्चों के बीच हानिकारक विचार फैला रहे हैं। उसने घटना की पूरी ज़िम्मेदारी ली और स्वेच्छा से अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया।

केरल ब्लास्ट :-

बता दें कि, एर्नाकुलम का कन्वेंशन सेंटर यहोवा के साक्षी समूह के लिए एक प्रार्थना सभा की मेजबानी कर रहा था, जिसमें दो हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे। रविवार सुबह की शांति उस समय भंग हो गई, जब सुबह करीब साढ़े नौ बजे लगातार तीन विस्फोट हुए। दुखद बात यह है कि विस्फोटों में तीन लोगों की जान चली गई और 39 लोग घायल हो गए, मृतकों में एक 12 साल की मासूम बच्ची भी शामिल है। घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तत्काल कार्रवाई की, और कोच्चि से NIA की एक टीम भेजी। गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति की जानकारी लेने के लिए केरल के सीएम पिनाराई विजयन को कॉल किया।

जब केरल में हुए धमाके, तब दिल्ली में 'गाज़ा' बचा रहे थे सीएम विजयन:-

इन धमाकों के बीच एक और घटना ने केरल सरकार को आलोचना के कटघरे में खड़ा कर दिया है। दरअसल, रविवार सुबह 9.30 पर जब एर्नाकुलम में ये 3 ब्लास्ट हुए, उस समय सीएम विजयन, वामपंथी नेताओं के साथ दिल्ली में थे। दिल्ली में वामपंथी (CPM) नेताओं द्वारा 3 दिवसीय एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसका मकसद फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास पर इजराइली कार्रवाई की निंदा करना था और फिलिस्तीन तथा गाज़ा के प्रति समर्थन जाहिर करना था। रविवार के ही दिन दोपहर 12 बजे (धमाकों के लगभग 2 घंटे बाद) सीएम विजयन दिल्ली में गाज़ा बचाने पर भाषण देते दिखाई दिए, उन्होंने वहां इजराइल कि कार्रवाई की निंदा की। इसको लेकर उनकी चौतरफा आलोचनाएं हो रही हैं, लोग कह रहे हैं कि, जब मुख्यमंत्री का खुद का राज्य इस तरह के विस्फोटों का सामना कर रहा है, उस वक़्त वे हज़ारों किमी दूर किसी विदेशी मामले पर भाषण दे रहे हैं।  

संभावित मलप्पुरम कनेक्शन:-

इससे पहले अटकलों में कन्वेंशन सेंटर विस्फोटों और फिलिस्तीन के समर्थन में मलप्पुरम में आयोजित एक रैली के बीच संभावित संबंध का संकेत दिया गया था। रैली में 27 अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के नेता खालिद मशाल का एक ऑनलाइन भाषण था। जमात-ए-इस्लामी की युवा शाखा, एकतार युवा आंदोलन द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान, हिंदुत्व और यहूदीवाद को उखाड़ फेंकने की वकालत करने वाले नारे लगाए गए। इस आयोजन में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मौजूद रहे थे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ये दोनों घटनाएं जुड़ी हुई हैं या नहीं, लेकिन खुफिया और जांच एजेंसियां जवाब खोजने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।

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