पंजीकृत कलाकारों को मिलेगी एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता
पंजीकृत कलाकारों को मिलेगी एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता
Share:

 कोरोना महामारी के कारण पर्यटन उद्योग पूरी तरह से बंद पड़ा है। प्रदेश सरकार की ओर से पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को वन टाइम एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसमें संस्कृति विभाग में पंजीकृत 6675 कलाकारों को आर्थिक सहायता जिलाधिकारियों के माध्यम से दी जाएगी। वहीं, पर्यटन विभाग ने पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क को एक साल के लिए समाप्त किया है। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर की ओर से जारी आदेश के अनुसार सरकार ने कोरोना महामारी के कारण प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को राहत पहुंचने के लिए निर्णय लिया है।उन्होंने बताया कि जिलाधिकारियों के माध्यम से कराए गए सर्वे के आधार पर पर्यटन उद्योग से जुड़े 2.43 लाख लोगों को एक-एक हजार रुपये की की आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी। होम स्टे योजना में लिए गए ऋण पर अप्रैल से जून 2020 तक तीन माह ब्याज में छूट दी गई ।

 संस्कृत विभाग में पंजीकृत कलाकारों को भी एक हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।प्रदेश में बिजली के खंभों का पट्टा किराया 50 से 80 प्रतिशत कम हो जाएगा। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में किराया कम करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले से केबिल आपरेटर्स और मोबाइल कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी।सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग ने कैबिनेट के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था। उत्तराखंड मार्ग का अधिकार नीति-2018 के तहत पूर्व में प्रावधान था कि शहरी क्षेत्र में खंभों का पट्टा किराया सालाना किराया 500 रुपये प्रति खंभा वसूला जाएगा। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में यह किराया 100 रुपये प्रति खंभा था। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन अपने बिजली के खंभों के सहारे तारें डालने के एवज में यही किराया वसूल रहा है। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें की पिछले कुछ महीनों के दौरान ऊर्जा विभाग ने केबिल आपरेटर्स पर भी किराया वसूली को लेकर दबाव बनाया था। लेकिन किराया अधिक होने के कारण केबिल आपरेटर्स ने हाथ खड़े कर दिए थे। आईटी विभाग ने किराया कम करने का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखा। कैबिनेट ने प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।नीति में मिली मंजूरी के अनुसार प्रति खंभा किराया शहरी क्षेत्र में 500 रुपये के स्थान पर अब 100 रुपये वसूला जाएगा। यानी किराया 80 प्रतिशत तक घटा दिया गया है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में 100 रुपये के स्थान पर 50 रुपये किराया लिया जाएगा। यानी 50 फीसदी की कटौती की गई है। किराया कम होने से पर्वतीय क्षेत्रों में मोबाइल कंपनियां खंभों के माध्यम से नेटवर्क लाइन डालने को प्रोत्साहित होंगी। साथ ही केबिल आपरेटर्स भी किराया दे सकेंगे।

इस कार को खरीदने पर नहीं देना होगी 3 महीने की EMI, ये है पूरी डिटेल्स

भारत के UNSC सदस्य बनने पर अमेरिका ने दिया बड़ा बयान, पाक-चीन को लगी मिर्ची

लॉ कोर्स परीक्षा : जुलाई तक कोरोना की स्थिति नहीं सुधरी तो होगा जनरल प्रमोशन

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -