लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में बेटे ने गोली मारकर अपनी मां का मर्डर कर दिया। इस घटना को अभी अधिक दिन नहीं बीते कि मध्यप्रदेश के बैतूल में भी एक बेटी ने जन्म देने वाली मां को ही मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने आरोपी बेटी और उसके पति को हिरासत में लिया जा चुका है। बैतूल एसपी सिमाला प्रसाद ने कहा है कि, रानीपुर थाना क्षेत्र के हाइवे किनारे जंगल में 6 जून को बोरी में बंद एक लाश पड़ी होने की जानकारी मिली थी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो पाया कि लाश सड़ चुकी थी और बोरे से बदबू आने लगी थी। बोरे को खोला गया तो अंदर पॉलिथिन में लिपटी बुजुर्ग महिला की लाश थी जो तकरीबन 6-7 दिन पुरानी दिखाई दे रही थी। तफ्तीश के दौरान मृतका की पहचान 60 वर्ष की भगरती झरवड़े निवासी पाथाखेड़ा के रूप में हुई।
पुलिस कार्रवाई में पता चला कि भागीरथी अपनी छोटी बेटी ऊषा वाईकर के घर बैतूल में कुछ दिनों से अपना जीवन यापन कर रही थी। भागीरथी ने एक प्लॉट बेचा था, इससे उसे 5 लाख 82 हजार रुपये की रकम भी मिली है। यह राशि उसने बेटी ऊषा वाईकर के खाते में जमा कर चुके थे। भागीरथी इस राशि को अपनी दोनों बेटियों को आधी-आधी देना चाहती थी, लेकिन छोटी बेटी के मन में लालच में आ गया था। छोटी बेटी ऊषा अपनी बड़ी बहन को रुपया नहीं देना चाह रही थी। इसी बात को लेकर 29 मई को मां और बेटी के मध्य विवाद भी हुआ और उसी दौरान बेटी ने मां के सिर पर पत्थर मार दिया जिससे उसकी जान चली गई। जिसके उपरांत ऊषा ने अपने पति करण वाईकर की सहायता से लाश को पॉलिथिन में लपेटकर बोरी में भरा और हाइवे किनारे जंगल में जाकर फेंक कर आ गया।
कुछ दिनों तक जब बड़ी बेटी की मां से बात नहीं हुई, तो उसने छोटी बहन ऊषा से मां के बारे में पूछा। ऊषा ने झूठी कहानी बनाते हुए कहा है कि मां नर्मदापुरम (होशंगाबाद) गई थीं, जहां नर्मदा नदी में नहाने के दौरान वह डूब गईं और उनकी गुमशुदगी नर्मदापुरम पुलिस थाने में दायर करवाया गया। हालांकि, पुलिस की पूछताछ में छोटी बेटी टूट चुकी है और उसने अपनी मां का क़त्ल का जुर्म कबूल कर लिया। जुर्म स्वीकार कर लेने के बाद पुलिस ने ऊषा वाईकर और उसके पति करण को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।
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