टीआरएस ने सभी धर्म की पारंपरिक प्रथाओं  के लिए किया ये काम
टीआरएस ने सभी धर्म की पारंपरिक प्रथाओं के लिए किया ये काम
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तेलंगाना राष्ट्र समिति जिसे टीआरएस के नाम से जाना जाता है, वह पार्टी है जिसका जन्म तेलंगाना राज्य के संघर्ष के साथ हुआ था। कालवकुंला चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने वर्ष 2001 में पार्टी की स्थापना की थी। इसके बाद टीआरएस पार्टी का एकमात्र उद्देश्य तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा हासिल करना था। तेलंगाना को हकीकत बनाने के अपने समझौतावादी जज्बे के साथ टीआरएस पार्टी ने संघर्ष में अहम भूमिका निभाई।

अप्रैल-मई 2014 में हुए नए राज्य विधानसभा चुनाव में टीआरएस पार्टी 119 सदस्यीय विधानसभा में 63 सीटें जीतकर अकेली सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई और फिर टीआरएस प्रमुख केसीआर भारत में एक रोल मॉडल राज्य तेलंगाना बनाने के वादे के साथ तेलंगाना के मुख्यमंत्री बने।

टीआरएस के मलकाजगिरी संसदीय क्षेत्र के प्रभारी मर्री राजशेखर रेड्डी ने हाल ही में श्री वेंकटेश्वर पेरुमल मंदिर की नई 14 सदस्यीय कार्यसमिति के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था, उन्होंने हाल ही में कहा था कि ' टीआरएस सरकार सभी धर्मों की सांस्कृतिक और पारंपरिक प्रथाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा कि टीआरएस सरकार हिंदू सनातन धर्म मंदिरों की रक्षा और विकास के लिए भी सभी कदम उठा रही है।

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