अकेले महाराष्ट्र में 'लव जिहाद' के 1 लाख से अधिक केस- महिला एवं बाल विकास मंत्री का दावा
अकेले महाराष्ट्र में 'लव जिहाद' के 1 लाख से अधिक केस- महिला एवं बाल विकास मंत्री का दावा
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मुंबई: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा (Mangal Prabhat Lodha) ने लव जिहाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बुधवार (8 मार्च) को राज्य की विधानसभा में दावे के साथ कहा कि महाराष्ट्र में लव जिहाद के 1 लाख से अधिक केस सामने आ चुके हैं। श्रद्धा वॉकर हत्या जैसे मामले को रोकने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर है। प्रभात लोढ़ा ने अपने ट्विटर अकाउंट से भी इसका वीडियो शेयर किया है। लोढ़ा ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक पर बैन लगाकर भारत की महिलाओं के साथ इंसाफ किया है। जिन महिलाओं को डरा धमकाकर रखा जाता था, उन्हें खुलकर बोलने का मौका दिया। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद उन महिलाओं को बेहतर माहौल मिला है।

रिपोर्ट के अनुसार, मंगल प्रभात लोढ़ा ने आगे कहा कि, 'हम महिलाओं के उत्थान की बात तो करते हैं, लेकिन जब इसमें लव जिहाद का विषय आ जाता है। महिलाओं पर होने वाले क्रूर अत्याचार की बात आती है, तो राज्य की जनता खफा हो जाती है। इसके खिलाफ महाराष्ट्र के कई जिलों में 50-50 हजार की भीड़ में मोर्चे निकाले जा रहे हैं। क्या ये मोर्चे अपने आप निकल रहे हैं? लोगों के भीतर काफी आक्रोश है।' उन्होंने कहा कि अकेले महाराष्ट्र में लव जिहाद के 1 लाख से अधिक केस सामने आए हैं, उससे समाज कहीं न कहीं व्यथित जरूर है। राज्य में किसी और श्रद्धा की हत्या ना हो, इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार के कन्धों पर है और इसीलिए इंटर फेथ मैरिज कमिटी का गठन किया गया है। हर उस बच्ची का, जिसका विवाह के बाद अपने घर से संपर्क टूट चुका है, उनको सुरक्षा देना सरकार और महिला विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी है।

बता दें कि, महाराष्ट्र विधानसभा में इस वक़्त बजट सत्र चल रहा है, जो 26 मार्च तक चलेगा। इस बजट में महिलाओं पर फोकस किया गया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विधानसभा में महिला नीति पर भी बहस हुई। इसके जवाब में मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के कल्याण, सुरक्षा और सशक्तीकरण के संबंध में विधायकों की तरफ से दिए गए सभी सुझावों पर विचार करेगी। बता दें कि दिसंबर 2022 में महाराष्ट्र सरकार ने ऐलान किया था कि अंतर-जातीय और अंतर-धार्मिक विवाहों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एक समिति गठित की गई है। राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से 13 दिसंबर 2022 को जारी किए गए एक सरकारी प्रस्ताव (GR) में कहा गया है कि, 'अंतर-जाति/अंतर-धार्मिक विवाह-परिवार समन्वय समिति (राज्य स्तर) मुख्य रूप से विवाहों की संख्या पर डेटा सारणीबद्ध करेगी। इसके साथ ही किसी अन्य धर्म या जाति के व्यक्ति से विवाह के बाद अपने परिवार से अलग हो गई महिलाओं के मुद्दों पर ध्यान दिया जाए।' जनवरी तक, प्रदेश सरकार की इंटरफेथ मैरिज फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी को इंटरफेथ मैरिज के 152 मामलों का ब्यौरा मिला है। कमेटी के सदस्यों के जरिए 152 मामले सामने आए हैं।

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