जिसे 7 साल ट्यूशन पढ़ाया उसी को महिला टीचर ने उतार दिया मौत के घाट, चौंकाने वाला है मामला
जिसे 7 साल ट्यूशन पढ़ाया उसी को महिला टीचर ने उतार दिया मौत के घाट, चौंकाने वाला है मामला
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कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ 10वीं के छात्र कुशाग्र के क़त्ल के मामले में उसकी ट्यूशन टीचर को गिरफ्तार किया गया है। ट्यूशन टीचर रचिता के साथ पुलिस ने उसके प्रेमी प्रभात और एक साथी को भी पकड़ लिया है। प्रभात इस मर्डर केस का मुख्य अपराधी बताया जा रहा है। मगर सबसे अधिक चौंकाने वाली कहानी रचिता की है, जिसने अपने उस छात्र की हत्या करवा दी जिसे वह 7 साल पढ़ा चुकी थी। वह कुशाग्र के घरवालों को अच्छे से जानती थी। क्योंकि, वह ट्यूशन पढ़ाने उसके घर जाती थी। वही अब कुशाग्र के क़त्ल के पश्चात् परिवार में मातम पसर गया है। परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है कि काश वो वक़्त रहते रचिता के इरादे भांप गए होते तो आज कुशाग्र जिंदा होता। आइए आपको बताते है पूरा मामला।।।

रचिता प्ले ग्रुप से कुशाग्र को पढ़ाने उसके घर जाती थी। जब उसने कुशाग्र को पढ़ाना छोड़ा तो उसके छोटे भाई आदि को पढ़ाने लगी। रचिता कई घरों में ट्यूशन पढ़ाती थी मगर बड़े व्यापारी के बेटे कुशाग्र के घर से उसको अच्छी फीस मिलती थी। इसी से उसने अपने लिए स्कूटी खरीदी थी। लेकिन उसे नहीं पता था इसी स्कूटी से एक दिन उसके हत्यारे होने का राज खुल जाएगा। दरअसल, सोमवार शाम को प्रभात ने रचिता तथा अपने एक साथी के साथ मिलकर कुशाग्र का क़त्ल कर डाला था। वो कुशाग्र को बहाने से अपने साथ बुलाकर घर ले गया था। क़त्ल के पश्चात् उसने 30 लाख का फिरौती वाला पत्र कुशाग्र के घर भिजवाने की योजना बनाई। इसके लिए रचिता ने प्रभात को अपनी स्कूटी दे दी। जब प्रभात अपने साथी संग कुशाग्र की बिल्डिंग के नीचे पहुंचा तो उसकी नजर गार्ड राजेंद्र पर पड़ गई। इस के चलते प्रभात और उसके साथी ने मास्क पहन रखा था। 

उन्होंने गार्ड को फिरौती का लेटर देकर कहा कि इसे कुशाग्र के घर पहुंचा दो। मगर गार्ड को शक हो गया। उसने स्कूटी पहचान ली तथा उसका नंबर नोट कर लिया। क्योंकि इसी स्कूटी से रचिता कुशाग्र को पढ़ाने आती थी। वही पुलिस ने जब कुशाग्र के गायब होने के बाद तहकीकात आरम्भ की पूरी कहानी खुलने में यही स्कूटी सहारा बन गई। जॉइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि रचिता इतनी शातिर है कि क़त्ल के पश्चात् उसने कुशाग्र के मामा को फोन किया था तथा कुशाग्र के लिए चिंता जताते हुए उनसे पल पल की जानकारी ले रही थी। किन्तु जब गार्ड ने कुशाग्र के मामा अभिषेक अग्रवाल को स्कूटी के बारे में बताया तो उन्होंने रचिता को फोन लगाया। उन्होंने रचिता से स्कूटी के बारे में पूछा तो उसने कहा कि स्कूटी मेरे दोस्त के पास है। इसपर मामा ने पूछा दोस्त कहां है? सवाल सुनकर टीचर रचिता हड़बड़ा गई। यहीं से घर वालों को शक हो गया। बात पुलिस तक पहुंची। जब पुलिसवालों ने सख्ती से पूछताछ की तो पूरे केस का खुलासा हो गया। 

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