एक ऐसे रेपिस्ट की कहानी जिसे 200 औरतों ने दी थी दर्दनाक मौत
एक ऐसे रेपिस्ट की कहानी जिसे 200 औरतों ने दी थी दर्दनाक मौत
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नेटफ्लिक्स की इंडियन प्रिडेटर सीरीज में तीसरा सीजन आने वाला है इसका नाम है 'मर्डर इन अ कोर्टरूम'. इसके पूर्व 'द बुचर ऑफ दिल्ली' चंद्रकांत झा की कहानी पर था जिसने खूंखार हत्याओं से दिल्ली को हिला कर रख दिया. जबकि दूसरे सीजन 'द डायरी ऑफ अ सीरियल किलर' में यूपी के सीरियल किलर 'राजा कोलंदर' की स्टोरी थी. फिक्शन से भी  अधिक खतरनाक, रियल अपराधों की कहानी दिखाने वाले इस डाक्यूमेंट्री स्टाइल शो में तीसरी कहानी ऐसी है, जो भयावहता की हर हद से परे था. इस बार स्टोरी में जो अपराधी है वो सिर्फ एक सीरियल किलर नहीं, सीरियल रेपिस्ट भी है. ये स्टोरी है भरत कालीचरण उर्फ अक्कू यादव की. 

कौन था अक्कू यादव?: नागपुर, महाराष्ट्र के कस्तूरबा नगर स्लम में अक्कू यादव का नाम किसी बुरे सपने की भांति है. खबरों का कहना है कि वो सिर्फ गैंगस्टर या सीरियल किलर या वसूली करने वाला ही नहीं था. वो एक सीरियल रेपिस्ट भी था. ऐसा इल्जाम है कि उसने 40 से अधिक महिलाओं का दुष्कर्म किया और बोला जाता है कि उसने इतने रेप किए थे कि कस्तूरबा नगर स्लम के हर दूसरे घर में उसकी एक विक्टिम रही. उसने सालों तक महिलाओं का दुष्कर्म करना और उन्हें मॉलेस्ट करता रहा.

अक्कू यादव की विक्टिम्स में सबसे छोटी एक 10 वर्ष की बच्ची थी और उसने 16 वर्ष की बच्ची की दादी के साथ भी कुकर्म भी कर दिया. बोला जाता है कि अक्कू की गैंग और पुलिस महकमे से उसका नेक्सस ऐसा था कि किसी ने अगर उसके विरुद्ध शिकायत करने की कोशिश भी की तो उसका जीना दूभर हो चुका था. लोगों के घरों में घुसकर उन्हें धमकाना, उगाही करना मारपीट करना, ये तो अक्कू के छोटे अपराध भी कहे जाते है.

कस्तूरबा नगर के लोगों के बयान ये भी बोलते है कि उसने कम से कम बस्ती के तीन लोगों का क़त्ल क्या था और उनकी लाश को रेलवे ट्रैक पर डंप कर दिया था. अक्कू का सबसे पहला क्राइम जिसकी रिपोर्ट दर्ज है वो 1991 का एक सामूहिक दुष्कर्म भी किया. अपनी मौत से पहले, अगले 13 वर्ष तक अक्कू ने जो अपराध किए उनके विवरण ऐसे हैं कि सुनने वाले को कई दिनों तक नींद न आए. 

200 महिलाओं ने की हत्या:13 अगस्त 2004 को नागपुर जिला अदालत में, अपने ऊपर चल रहे कई केसों में से एक में अक्कू यादव की कोर्ट में पेशी होने वाली थी. अदालत के कोर्ट नंबर 7 में दोपहर 3 बजे तकरीबन सैकड़ों महिलाओं की एक भीड़ घुस आई. चेहरा बांधे हुए इन महिलाओं ने वहां मौजूद पुलिसवालों और अक्कू यादव के चेहरे पर लाल मिर्च पाउडर फेंका. कोर्ट में मौजूद पुलिसवाले और अधिकारी खौफ से भाग निकला.

कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि महिलाओं की ये भीड़ कस्तूरबा नगर स्लम से आई थी और ये वही महिलाएं थीं जो बीते एक दशक से अक्कू की दरिंदगी और सिस्टम के मुंह फेर लेने से दुखी हुई. महिलाओं की इस भीड़ ने चाक़ू से अक्कू पर वार किए. रिपोर्ट्स में दर्ज है कि गिनती में ये वार कम से कम 70 थे. अक्कू के चेहरे पर लाल मिर्च भर गई थी और उसके मुंह पर पत्थर के भी कई वार थे. घटना के विवरण ये भी बताते हैं कि इन महिलाओं में इस तरह की भी बात थी कि हर कोई कम से कम एक बार उसे चाक़ू मार देगा. इस भीड़ में से ही किसी ने उसका गुप्तांग भी काट डाले.

कोर्ट नंबर 7 में जब ये सब शुरू होने के 15 मिनट के उपरांत सफेद मार्बल फर्श लाल हो चुका था और दीवार पर खून के धब्बे थे. यादव मर चुका था. ये भी कहा जाता है कि जब ये सब चल रहा था तो अक्कू यादव सिर्फ एक ही बात कह रहा था- 'मुझे माफ कर दो! मैं ऐसा दोबारा नहीं करूंगा!' 

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