फिर सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तीन तलाक़ कानून का मामला, बताया गया गैर-इस्लामिक
फिर सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तीन तलाक़ कानून का मामला, बताया गया गैर-इस्लामिक
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नई दिल्ली: ट्रिपल तलाक कानून को लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल हुईं है. इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट नवंबर में सुनवाई करेगी. सोमवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नवंबर 2023 में सुनवाई की जाएगी. सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि वह मुस्लिम महिलाओं के विवाह पर अधिकारों का संरक्षण एक्ट 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत है, मगर सुनवाई नवंबर में होगी.

बता दें कि, शीर्ष अदालत के 5 जजों की संविधान पीठ ने 22 अगस्त 2017 को अपने आदेश में ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था. अदालत ने 1400 वर्ष पुरानी प्रथा को असंवैधानिक बताया था और सरकार से इस संबंध में कानून बनाने के लिए कहा था. शीर्ष अदालत के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने कानून बनाते हुए एक साथ तीन बार तलाक बोलकर या लिखकर निकाह खत्म करने को अपराध की श्रेणी में डाल दिया था. इस अपराध के लिए अधिकतम तीन साल जेल की सजा का प्रावधान भी है.

अब इसी कानून को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं दाखिल हुई हैं. याचिकाकर्ताओं ने केंद्र सरकार के इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए कहा है कि यह गैर-इस्लामिक है और संविधान के अनुच्छेद 13, 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन है.

 

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