चेन्नई: तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा के मामले राज्य की एमके स्टालिन सरकार 'अफवाह' बताकर ख़ारिज कर रही है। साथ ही, इस मुद्दे को उठाने वाले सोशल मीडिया यूजर से लेकर मीडिया संस्थानों एवं पत्रकारों पर दमनात्मक कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफर केस दर्ज कर रही है। अब तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK के चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने हिंदी भाषियों के खिलाफ हो रही हिंसा का मुद्दा उठाया है।
All those who used fake videos to incite hate & violence must be dealt with as per the law.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) March 10, 2023
But this doesn’t absolve those who’re openly calling for violence against #Hindi speaking people in #TN
Why no action against likes of @SeemanOfficial for their vitriolic utterances? pic.twitter.com/vyu2EkjBQu
प्रशांत किशोर ने इस मामले में शुक्रवार (10 मार्च) को एक ट्वीट करते हुए स्टालिन सरकार से पूछा है कि तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ जहर उगलने वाले लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'नफरत और हिंसा भड़काने के लिए फर्जी वीडियो फैलाने वाले लोगों से कानून के मुताबिक निपटा जाना चाहिए, किन्तु यह उन लोगों को दोषमुक्त नहीं करता है, जो खुले तौर पर तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा की अपील कर रहे हैं। सेंथामिजन सीमन जैसे भड़काने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?' प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट के साथ सबूत के रूप में सेंथामिजन सीमन का एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें वह हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ जहर उगलते नज़र आ रहे हैं। ट्विटर प्रोफाइल के अनुसार, सेंथामिजन सीमन ‘नाम तमिलार काटची (NTK)’ के मुख्य समन्वयक हैं। बता दें कि NTK तमिलनाडु की एक मुख्य पार्टी है।
इसमें इस वीडियो में समन्वयक सीमन लोगों को भड़काते हुए नज़र आ रहे हैं। PK द्वारा शेयर किए गए वीडियो में सीमन तमिल लोगों के एक समूह को संबोधित करते हुए कह रहे हैं कि, 'हिंदी भाषी लोग बदहवासी में अपना सामान पैक करके यहाँ से भागेंगे। मुझे नहीं पता कि मैं कितनों को पीटूँगा। एक सप्ताह में वे अपना सामान बाँध लेंगे।' बता दें कि तमिलनाडु में हिंदी भाषी श्रमिकों के खिलाफ हिंसा की बात वहाँ से लौट कर आए मजदूरों ने खुद बताई है। वे डरे हुए हैं। इन मजदूरों का कहना है कि तमिलनाडु में स्थानीय लोग, अन्य राज्यों से आए लोगों का नाम-पता पूछ-पूछकर उनकी पिटाई कर रहे हैं। यही नहीं, वहाँ कुछ लोगों की हत्या की भी बात भी सामने आई है। हालाँकि, तमिलनाडु पुलिस हिंसा या हत्या की किसी भी बात को सिरे से नकार रही है और इसे अफवाह बता रही है। तमिलनाडु पुलिस द्वारा हिंसा की बात ख़ारिज किए जाने के बावजूद, वहाँ से चोरी-छिपे लौटकर आ रहे कामगार समस्या की भयावहता के बारे में बता रहे हैं। वहीं, इस मुद्दे को उठाने वाले कई पत्रकारों पर भी तमिलनाडु पुलिस ने केस दर्ज किया है। यही नहीं, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी हिंसा की खबरों को अफवाह बता रहे हैं, हालाँकि बिहार के नेता पप्पू यादव ने इस मामले में सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी थी।
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