सबरीमाला पर आया 'सुप्रीम' फैसला, संविधान पीठ के पास भेजा गया मामला
सबरीमाला पर आया 'सुप्रीम' फैसला, संविधान पीठ के पास भेजा गया मामला
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नई दिल्‍ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सबरीमाला मंदिर मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर फैसला देते हुए मामले को बड़ी संवैधानिक बेंच को सौंप दिया है. शीर्ष अदालत की 5 सदस्‍यीय बेंच ने 3:2 के बहुमत से मामले को इससे बड़ी यानी सात सदस्‍यीय संवैधानिक बेंच के पास भेजा है. अब 7 जजों की संविधान पीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी.

हालांकि पांच जजों के पुराने निर्णय पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. मंदिर में किसी भी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक नहीं है. मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने कहा है कि याचिकाकर्ता इस बहस को पुनर्जीवित करना चाहते हैं कि धर्म का अभिन्न अंग क्या है? शीर्ष अदालत ने कहा है कि पूजा स्थलों में महिलाओं का प्रवेश केवल मंदिर तक सीमित नहीं है. मस्जिदों में भी महिलाओं की एंट्री का मुद्दा शामिल है. 5 जजों की बेंच में से मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस जे खानविलकर और जस्टिस इंदु मल्‍होत्रा ने मामला बड़ी बेंच को सौंपे जाने का फैसला सुनाया था. जस्टिस नरीमन और जस्टिस चंद्रचूड़ ने इससे असहमति जाहिर की है.

इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई के बाद 6 फरवरी 2019 को फैसला सुरक्षित रख लिया था. शीर्ष अदालत ने 28 सितंबर 2018 को दिए अपने आदेश में हर उम्र की लड़कियों और महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी थी. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी.

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