नई दिल्ली: केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन अब भी जारी है। आप जानते ही होंगे अब तक कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन फिर भी कोई हल नहीं निकल पाया है। अब ऐसा लग रहा है जैसे किसानों का यह आंदोलन लंबा खींचने वाला है। वैसे इसके लिए किसान भी एक अलग ही रणनीति पर काम कर रहे हैं।
People rejected them, farmers pushed them away. They should apologise to the farmers, they are accountable to the poor state of farmers. People who have been rejected from everwhere are pretending to be the well-wishers of farmers. People have recognised their hypocrisy: MP CM https://t.co/ruN1rOA6a7
— ANI (@ANI) December 9, 2020
अब इन सभी के बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि कानूनों का समर्थन किया है। हाल ही में उन्होंने कहा कि, 'किसान हमारे भगवान हैं और उनकी आय को दोगुना करना पीएम मोदी का सबसे बड़ा संकल्प है। #FarmLaws उस ओर एक क्रांतिकारी कदम है। लेकिन जिन राजनीतिक नेताओं ने अपने शासन के दौरान किसानों के लिए कुछ नहीं किया, जिन्होंने किसानों को दिवालिया बना दिया, वहीं नेता आज राष्ट्रपति से मिलने जा रहे हैं।'
इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, 'लोगों ने उन्हें नकार दिया, किसानों ने उन्हें खदेड़ दिया। उन्हें किसानों से माफी मांगनी चाहिए, वे किसानों की खराब स्थिति के प्रति जवाबदेह हैं। कहीं से खारिज किए गए लोग किसानों के शुभचिंतक होने का नाटक कर रहे हैं। लोगों ने उनके पाखंड को मान्यता दी है।' वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों को सिंधु बॉर्डर पर लिखित प्रस्ताव भेज दिया है। आप सभी जानते ही होंगे किसानों ने सरकार के छठे दौर की बैठक से पहले लिखित प्रस्ताव की मांग की थी। अब सरकार की तरफ से प्रस्ताव आने के बाद किसान नेताओं की बैठक होने वाली है।
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