नई दिल्ली. 1925 में स्थापित हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पहली बार जम्मू-कश्मीर में एनुअल मीटिंग करेगा. यह मीटिंग 18 से 20 जुलाई तक चलेगी. इस मीटिंग में संघ प्रमुख मोहन भागवत और बीजेपी नेशनल प्रेसिडेंट अमित शाह भी शामिल होंगे. इस बात की पुष्टि संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने की है. एक न्यूज एजेंसी के अनुसार, कश्मीर में पत्थरबाजी कर सुरक्षा एजेंसी पर हमला करना विरोधी ताकतों को बढ़ावा दे रही है.
इस मीटिंग के माध्यम से संघ ये मैसेज देना चाह रहे है कि कश्मीर भारत का अटूट हिस्सा है, कश्मीर मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, घाटी क्षेत्र में बिगड़ते हालत देख कर यह मीटिंग करने का फैसला किया गया है. संघ देश की एकता के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखेगा. मनमोहन वैद्य ने इस बारे में कहा कि संघ हर साल समर ट्रेनिंग कैम्प लगाता है.
हमने इस मीटिंग के लिए जम्मू के रीजनल ऑफिस में प्रस्ताव रखा था, इसे स्वीकार कर लिया गया है. पहले जम्मू में हमारा छोटा ऑफिस था किन्तु बीते कुछ साल में हमने इसे बड़ा किया है. ये जम्मू-कश्मीर में होने वाली संघ की पहली बड़ी मीटिंग है. उन्होंने कहा कि मीटिंग में किसी मुद्दे पर फैसला नहीं लिया जाएगा लेकिन विचार सभी मसलों पर होगा.
ये भी पढ़े
हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए मोहन भागवत को बनाया जाना चाहिए राष्ट्रपति उम्मीदवार
अमानतुल्ला खान ने पीएसी से दिया इस्तीफा, विश्वास को फिर बताया भाजपा-आरएसएस का एजेंट
RSS की विंग करेगी प्रेगनेन्सी के पूर्व संतति का उत्तम विकास