नई दिल्ली: छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नेबसराय में बने पोलिंग स्टेशन में दो मतदाताओं के साथ अजीब घटना घटी. जंहा मिथिलेश (वोट नंबर-72) व एक अन्य जब पोलिंग स्टेशन में मतदान करने पहुंचे और वोटर सूची के क्यूआर कोड को स्कैन किया गया तो सामने आया कि दोनों ने वोट दे दिया है, जबकि उन्होंने न तो वोट दिया था और न ही वोटिंग लिस्ट में उनके नाम के आगे वोट डालने का निशान लगा था.
मिली जानकारी के अनुसार दोनों ही मतदाताओं ने हंगामा करना शुरू कर दिया. पोलिंग स्टेशन के सेक्टर अफसर को बुलाया गया. वहीं आखिरकार दोनों ही मतदाता वोट डालकर ही पोलिंग स्टेशन से गए. इसके बाद मतदान करवाने वाले अधिकारियों का कहना था कि उनकी मतदाताओं को मिलाने की गिनती खराब हो जाएगी. पोलिंग स्टेशन में तैनात अधिकारियों ने बताया कि सर्वर में खराबी आने की वजह से ऐसा हो रहा था. जिन मोबाइल से मतदाताओं के पहचान पत्र को स्कैन किया जा रहा था उसका डाटा मोबाइल से सर्वर में जा ही नहीं रहा था. इसके अलावा इस पोलिंग स्टेशन में कागजात को दो जगह स्कैन किया जा रहा था.
वहीं इस बात का पता चला है कि एक तो पोलिंग बूथ के बाहर स्कैन किया जा रहा था, दूसरा बूथ के अंदर स्कैन किया जा रहा था. दो बार स्कैन होने से मतदाताओं की लंबी लाइनें लगी हुई थीं. इसके अलावा देवली विधानसभा क्षेत्र में रहने वाली सुमित्रा शर्मा सोना स्कूल में पड़े पोलिंग स्टेशन में पति के साथ वोट डालने पहुंची थीं. यहां उन्हें पता लगा उनका नाम एएसडी (अपने घर में नहीं रहती) सूची में है, इसके बाद उन्हें वोट नहीं डालने दिया. जंहा यह भीं कहा जा रहा है कि वह बिना वोट डाले ही वहां से चली गई, जबकि उनके पति ने वोट डाला था. वहीं तुगलकाबाद विधानसभा क्षेत्र के अरुणा आसिफ अली राजकीय कन्या विद्यालय में ईवीएम खराब होने से देवरंजन बिना वोट डाले चले गए. देवरंजन का कहना था कि उसे लाइन में लगे हुए पौना घंटा हो गया था.
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