महामारी कोरोना से जूझ रही राजस्थान सरकार का फोकस यह है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए जल्द से जल्द उघोग-धंधे शुरू हो जाए. लॉकडाउन की मार झेल रहे औघोगिक सेक्टर को संबल देने के लिए राज्य सरकार ने कसरत शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए अधिकारियों की टास्क फोर्स बनाई है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उघोगपतियों ने भी सरकार की अनुमति मिलने के बाद फैक्ट्री चलाने का मानस बनाया,लेकिन अब मुश्किल यह हो रही है कि श्रमिक नहीं मिल रहे. बिहार,उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल के करीब डेढ़ लाख श्रमिक अपने गृह प्रदेश चले गए. इन श्रमिकों ने पहले तो इंतजार किया,लेकिन जब लॉकडाउन नहीं खुला और अशोक गहलोत सरकार ने श्रमिकों को उनके गृह प्रदेश जाने की अनुमति दी तो वे चले गए.
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इस मामले को लेकर गहलोत सरकार ने यू-टर्न लेते हुए प्रदेश की सीमा सील कर दी और श्रमिकों से कहा है कि उन्हे यहां रोजगार मिलेगा,सरकार उनके हितों का पूरा ध्यान रखेगी. लेकिन हकीकत यह है कि फैक्ट्रियों में काम करने के लिए श्रमिक नहीं मिल रहे हैं. खानों एवं ईंट भट्टों में सरकार की अनुमति मिलने के बावजूद काम शुरू नहीं हो पा रहा. सरकार ने तय किया है कि फैक्ट्रियां चालू कराने के लिए अब जो श्रमिक यहां रह गए उनकी काउंसलिंग की जाएगी. उन्हें काम करने के लिए तैयार किया जाएगा. इसके साथ ही उनके जो साथी अपने गृह प्रदेश चले गए उन्हे जल्द वापस बुलाने में मदद करने के लिए कहा जाएगा.
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