स्टॉकहोम: स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में इस्लामी त्यौहार बकरीद के दिन कुछ प्रदर्शनकारियों ने इस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान का फिर से तिरस्कार किया है। एक शख्स ने सेंट्रल मस्जिद के भीतर पहले कुरान को फाड़ा और फिर उसके पन्नों को जला डाला। बुधवार (28 जून) को हुई इस घटना के बाद उसका तुर्की के साथ विवाद बढ़ता नज़र आ रहा है। स्वीडन की पुलिस की ओर से इस प्रदर्शन को मिली स्वीकृति के बाद इस घटना को अंजाम दिया गया है। हालांकि, बाद में पुलिस ने बाद में उस शख्स पर जातीय या राष्ट्रीय समूह के खिलाफ हिंसा भड़काने का इल्जाम लगाया है।
Ex Muslim Iraqi immigrant Salwan Momika burns the Koran in Sweden, Says it’s the most dangerous Book in the world. pic.twitter.com/1uRGDq9pnT
— This Kafirs Awake (@DarHarb) June 29, 2023
रिपोर्ट के अनुसार, एक शख्स जिसका नाम सलवान मोमिका बताया जा रहा है, उसने मस्जिद के अंदर कुरान जलाई है। वह सेंट्रल मस्जिद के बाहर पुलिस अधिकारियों के पीछे से 2 स्वीडिश झंडे लहराते हुए नज़र आए। उस वक़्त स्वीडन का राष्ट्रगान बज रहा था। कानों में एयरपॉड्स पहने और मुंह में सिगरेट लटकाकर उसने कुरान को बार-बार फाड़ा और फिर उसके पन्नों को जला दिया। बताया जा रहा है कि, मोमिका एक इराकी शरणार्थी हैं और उनकी मंशा स्वीडन में कुरान को प्रतिबंधित कराना है। हालाँकि, मोमिका किस मजहब का अनुयायी है, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। हालाँकि, ये कहा जा रहा है कि, सलवान पहले मुस्लिम ही था।
उधर, स्वीडन में इस घटना ने मुस्लिम समुदाय को काफी नाराज़ कर दिया है। लगभग 200 लोगों ने प्रदर्शन कर कुरान का बड़े स्तर पर मजाक उड़ाया। लेकिन, पुलिस की तरफ से इसे अधिक तवज्जो नहीं दी गई और उसे पूरी तरह से अनदेखा कर दिया गया। बता दें कि, देश में बीते कुछ समय से इस्लाम के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हो रहे हैं। यह ताजा घटना ऐसे वक़्त में हुई है, जब NATO का एक शिखर सम्मलेन होने वाला है, जिसमें स्वीडन की सदस्यता पर निर्णय लिया जाना है। नाराज तुर्की, स्वीडन की NATO सदस्यता के खिलाफ है।
बता दें कि, गत वर्ष यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही स्वीडन, NATO सदस्यता की डिमांड कर रहा है। मगर, गठबंधन के सदस्य तुर्की ने इसमें अड़ंगा डाल दिया है। तुर्की ने स्वीडन पर उन लोगों को पनाह देने का आरोप लगाया है जिन्हें वह आतंकी मानता है। साथ ही उसने स्वीडन से ऐसे लोगों को प्रत्यर्पित करने की मांग भी की है। तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फिदान ने एक ट्वीट में स्वीडन में हुई घटना की निंदा करते हुए कहा है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर इस्लाम विरोधी विरोध प्रदर्शन की इजाजत देना हरगिज बर्दाश्त नहीं है।
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