(पीयूसीएल) ने राजस्थान में जारी राजनीतिक हलचल के बीच अशोक गहलोत को अपने विरोधियों के विरूध्द राजद्रोह कानून का प्रयोग नहीं करने की राय दी है. संगठन ने ये राय देश में निरंतर हो रहे राजद्रोह कानून के गलत उपयोग को देखते हुए दी गई है.
राजस्थान की सरकार गिराने का प्लान बनाने के लिए दिल्ली रवाना हुए भाजपा नेता
उन्होंने पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू का हवाला देते हुए लिखा है, कि वो खास तौर से इस कानून को निंदा करते थे. इसके अलावा कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो (2019) में भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (जो राजद्रोह के अपराध को दर्शाने का कार्य करती है) का जिक्र करते हुए बताया था, कि इसका गलत उपयोग हो रहा है. यह पूरी तरह से निरर्थक है, इसलिए इसे खत्म किया जाएगा.
सियासी घमासान के बीच बोले सचिन पायलट- 'असम बाढ़ पीड़ितों की मदद कीजिए'
पीयूसीएल ने अपना स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि बीते कुछ दिनों से आरोप लग रहे हैं, कि राजस्थान में विपक्ष और कांग्रेस पार्टी के अंदर के नेता चुनी हुई, सरकार को गिराने की प्रयास कर रहे हैं. यह काफी दुखद है. पूरा भारत स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है. लॉकडाउन की वजह से आर्थिक हालत हमारे लिए मुश्किल बन रहे है. ऐसे में सारा ख्याल लोगों के स्वास्थ्य और आर्थिक परेशानी को टालने पर होना चाहिए .पीयूसीएल, कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी द्वारा स्पेशल पुलिस स्टेशन में तीन एफआईआर दर्ज कराए जाने को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया है. 3 FIR नंबर इस प्रकार हैं. 047/2020 , FIR 048/2020 और 049/2020. ये सभी एफआईआर 120 (बी) साजिश और 124 (ए) राजद्रोह के तहत कराए गए हैं. समझ नहीं आता कि राजद्रोह कानून क्यों लगाना चाहते हैं.
14 हजार रु मासिक आय का दावा करती रही 80 वर्षीय महिला, खाते में मिली बेशुमार दौलत
सिब्बल ने कोरोना से की ऐसे नेताओं की तुलना
सीमा विवाद का असर, भारत से खाद खरीदने वाले किसानों को पीट रही ओली की पुलिस