संसद से हाल ही में पास हुए नागरिक कानून के बाद अब एनपीआर को एनआरसी से जोड़कर देश में आंदोलन कर रहे विपक्षी दलों को घेरने के लिए भाजपा ने भी चौतरफा तैयारी शुरू कर दी है. एक तरफ जहां जनवरी में मुस्लिमों का बड़ा सम्मेलन आयोजित कर नागरिकता कानून के दायरे के बारे में स्थिति स्पष्ट की जाएगी. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनके ही बयानों में घेरने के लिए भाजपा के दिग्गज नेता मैदान में उतर गए हैं.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ओडिशा में कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रदीप मांझी के बयानों के जरिए यह बताया जाने लगा है कि कांग्रेस आगजनी जैसी घटनाओं को न सिर्फ बढ़ावा दे रही है बल्कि खुद इसे अंजाम देकर अस्थिरता और अशांति का माहौल बनाना चाह रही है.दरअसल एक तरफ जहां एनपीआर को पहले एनआरसी से जोड़ रहे राहुल ने अब इसे आम जनता के पाकेट पर बोझ बताते हुए टैक्स से जोड़ा है. वहीं ओडिशा में कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रदीप मांझी कांग्रेस कार्यकताओं को भड़काते हुए एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें वह कह रहे हैं कि हर तरीके से तैयार रहो और जब वह कहें तो आग लगा दो.इन बयानों के लिए भाजपा को पलटवार का पूरा मौका दे दिया.
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इन सब विवादों के बीच एक तरफ जहां केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने राहुल को 'लायर आफ द ईयर' करार दिया और कहा कि एनपीआर जनसंख्या से पहले की प्रक्रिया है. यही प्रक्रिया 2010 मे भी हुई थी और उसके लिए बजट जारी किया गया था. जावडेकर ने कहा - राहुल के बयानों से देश शर्मिंदा होता है. वह ऐसे बयान देकर अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं जबकि पूरा देश मोदी सरकार के साथ खड़ा है.
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