चेन्नई: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ द्रमुक और उसके सहयोगियों ने सोमवार को चेन्नई में रैली निकाली और इस अधिनियम को वापस लेने की मांग की। द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन, कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, एमडीएमके चीफ वाइको और वाम दलों की प्रदेश इकाई के नेताओं ने एगमोर से राजरथिनम स्टेडियम तक की दो किमी की दूरी मार्च करके निर्धारित की। मार्च के दौरान स्टालिन, चिदंबरम और अन्य दिग्गज नेताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं।
द्रमुक और सहयोगी दलों के कार्यकर्ता नागरिकता कानून के खिलाफ नारे लगा रहे थे। पुलिस ने बताया है कि रैली को देखते हुए व्यापक सुरक्षा इंतज़ाम किए गए, ड्रोन तैनात किए गए और 5,000 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा ड्यूटी में तैनात किया गया। वहीं, मद्रास उच्च न्यायालय ने पुलिस को आदेश दिया है कि द्रमुक अगर अनुमति नहीं मिलने के बावजूद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ सोमवार को प्रस्तावित रैली निकालता है तो उसका वीडियो बनाया जाए। अदालत ने रैली के खिलाफ जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान रविवार देर रात यह अंतरिम बात कही थी।
इससे पहले, तमिलनाडु सरकार के वकील ने कोर्ट को सूचित किया कि पुलिस ने रैली की इजाजत नहीं दी है क्योंकि आयोजकों ने संपत्ति को कोई नुकसान होने या किसी किस्म की हिंसा होने की स्थिति में जिम्मेदारी लेने को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाई। जस्टिस एस वैद्यनाथन और जस्टिस पी टी आशा की पीठ ने रैली रोकने से मना कर दिया और कहा कि लोकतांत्रिक देश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोका नहीं जा सकता क्योंकि यह लोकतांत्र का आधार है।
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