मोहम्मद ज़ुबैर अब मुसीबत में, एक और FIR दर्ज, दाखिल हुआ 'वारंट B'
मोहम्मद ज़ुबैर अब मुसीबत में, एक और FIR दर्ज, दाखिल हुआ 'वारंट B'
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लखनऊ: विवादित वेबसाइट AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबेर पर अब एक और FIR दर्ज हो गई है। यह प्राथमिकी उत्तर प्रदेश की लखीमपुर खीरी पुलिस द्वारा दर्ज की गई है। यह FIR सुदर्शन न्यूज़ के लखीमपुर खीरी ब्यूरो आशीष कुमार कटियार ने 18 सितम्बर 2021 को अदालत के जरिए दर्ज करवाई थी। शिकायतकर्ता आशीष कुमार कटियार ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने जुबेर को अपनी हिरासत  में लेने की औपचारिकताएँ शुरू कर दीं हैं।

आशीष कटियार ने इस प्राथमिकी में Twitter को भी आरोपित बनाया है। आशीष की शिकायत के अनुसार, जुबेर ने 14 और 15 मई 2021 को सुदर्शन न्यूज़ पर चले एक ग्राफिक्स को मदीना की अल-नवाबी मस्जिद बताते हुए पूरे देश में साम्प्रदायिकता फैलाने की कोशिश। यह ग्राफिक्स सुदर्शन न्यूज़ पर इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध 2021 पर आधारित एक शो के दौरान एक प्रतीकत्मक चित्र के रूप में इस्तेमाल किया गया था, जिसका जुबेर द्वारा दावा किया गया कि मस्जिद से कोई ताल्लुक नहीं था। जुबेर ने ऐसा कर के पूरी दुनिया में भारत की छवि को भी धूमिल करने की कोशिश की है।'

आशीष कटियार की इस शिकायत में जुबेर पर दुनियाभर के मुस्लिमों को भारत के खिलाफ एकजुट करने और कोरोना जैसे संकट काल में भी साम्प्रदयिक उन्माद फ़ैलाने का इल्जाम लगा है। आशीष के अनुसार, मई 2021 में लखीमपुर खीरी पुलिस ने उनकी शिकायत को दर्ज करने से इंकार कर दिया था। पुलिस के मना करने के बाद आशीष ने जुबेर पर कार्रवाई के लिए सितंबर 2021 में अदालत से अपील की। आख़िरकार अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर ये प्राथमिकी दर्ज हुई, जिसमें जुबेर पर IPC की धारा 153-A के तहत थाना मोहम्मदी में मामला दर्ज किया गया।

मीडिया से बात करते हुए शिकायतकर्ता आशीष कटियार ने बताया है कि, 'करीब 10 माह से केस पेंडिंग पड़ा रहा। आखिरकार दिल्ली पुलिस और सीतापुर पुलिस की कार्रवाई के बाद अब लखीमपुर पुलिस ने भी जुबेर पर कार्रवाई आरंभ कर दी है। खीरी पुलिस ने मुझे बताया कि उसने जुबेर की हिरासत संबंधी कागजात संबंधित अधिकारियों और कोर्ट तक में जमा करवा दिए हैं। जल्द ही जुबेर को खीरी में आना होगा।' वहीं, खीरी पुलिस के SHO मोहम्मदी ने कहा है कि, 'हमने सीतापुर जेल में वारंट B दायर कर दिया है। आगे की नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।' बता दें कि, वारंट B उस मुल्जिम को अपने केस में शामिल करने को कहा जाता है, जिस पर कई अन्य थानों, जिलों या प्रदेशों में मुक़दमे दर्ज हों।

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