280 मौतों का जिम्मेदार कौन ? रेलवे को मिले सबूत- इंटरलॉकिंग सिस्टम से 'जानबूझकर' की गई थी छेड़छाड़, बड़ी साजिश की आशंका
280 मौतों का जिम्मेदार कौन ? रेलवे को मिले सबूत- इंटरलॉकिंग सिस्टम से 'जानबूझकर' की गई थी छेड़छाड़, बड़ी साजिश की आशंका
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भुवनेश्वर: ओडिशा में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे की जांच शुरू हो गई है। रेलवे की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पटरियों के इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ की गई थी। जांच में बताया जा रहा है कि इसके प्रमाण भी मिले हैं। बता दें कि, हादसे के बाद सर्वाधिक चर्चा इस इंटरलॉकिंग सिस्टम पर ही चल रही है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी प्रारंभिक जांच के आधार पर इसी सिस्टम में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की थी।

 

रिपोर्ट के अनुसार, CRB रेलवे ने इस भीषणतम हादसे के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को भी जानकारी दे दी है। हादसे पर रेलवे ने इस बात की आशंका जताई है कि यह जो भी घटना हुई वह पॉइंट में बदलाव के कारण हुई है। PMO को बताया गया है कि रेलवे को ऐसा लगता है कि यह सब कुछ जानबूझकर किया गया है या फिर किसी ऐसे व्यक्ति ने किया है, जो पॉइंट के बारे में सबकुछ जानता था। एक रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे अधिकारियों ने सोमवार (5 जून) को कहा कि उनकी शुरुआती जांच में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से छेड़खानी के स्पष्ट सबूत मिले हैं। रेलवे अधिकारी ने कहा कि CBI जांच में इस संबंध में और भी खुलासे हो सकेंगे। CBI इस बात की जाँच करेगी कि आखिर इस हादसे के पीछे किसका हाथ है, किसने हादसे को अंजाम दिया, या फिर हादसा आखिर किस वजह से हुआ ? बता दें कि, इस दर्दनाक हादसे में 280 से अधिक लोगों की जान गई है और 1000 से ऊपर लोग घायल हुए हैं। अब सरकार दिन-रात यह पता लगाने में जुट गई है कि, इतने लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है ? पीएम नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि, दोषियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। 

रेलवे के एक अधिकारी ने रविवार (4 जून) को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उस बात को दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि इंटरलॉकिंग सिस्टम सिग्नलिंग का एक बेहद सुरक्षित तरीका है। इसे ‘फेल सेफ’ कहा जाता है, जिसका मतलब है कि यदि सिस्टम भी नाकाम हो जाता है, तो भी सभी सिग्नल लाल हो जाएंगे, जिससे सभी ट्रेनें रुक जाएंगी। रेलवे का कहना है कि, जब तक इस इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ कोई जानबूझकर छेड़खानी नहीं करता, तब तक ऐसा संभव ही नहीं है कि मेन लाइन के लिए निर्धारित लाइन को लूप लाइन से बदल दिया जाए। अधिकारी ने सिफारिश की है कि इसी एंगल से हादसे से जांच की जानी चाहिए। बताया जाता है कि इंडियन रेलवे जिस इंटरलॉकिंग सिस्टम का उपयोग कर रहा है, उसके पास 4 सर्टिफिकेशन हैं और इसे 100 प्रतिशत सुरक्षित माना जाता है।

शुभेंदु अधिकारी ने की CBI जाँच की मांग:-

बंगाल भाजपा के विधायक शुभेंदु अधिकारी ने हादसे की CBI जांच की मांग की है। वहीं, सीएम ममता बनर्जी के 'CBI जांच का कोई नतीजा नहीं निकलने वाला है' वाले बयान पर शुभेंदु ने कहा है कि, 'जब हादसा दूसरे प्रदेश में हुआ है, तो सीएम ममता बनर्जी हादसे की CBI जांच से क्यों डर रही हैं? क्या इसके पीछे तृणमूल कांग्रेस (TMC) की साजिश है।' उन्होंने 2010 में बंगाल में ज्ञानेश्वरी ट्रेन हादसा भी याद दिलाया, जिसमे 150 लोगों की जान गई थी। इसकी CBI जांच में पता चला था कि, माओवादियों ने पटरियों के फिशप्लेट खोल दिए थे, जिसके कारण ट्रेन पटरी से उतर गई और यह हादसा हुआ। 

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