Pegasus बनाने वाली कंपनी की The Wire को धमकी- 'फर्जी खबर फैलाई तो ठोकेंगे मानहानि का मुकदमा'
Pegasus बनाने वाली कंपनी की The Wire को धमकी- 'फर्जी खबर फैलाई तो ठोकेंगे मानहानि का मुकदमा'
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नई दिल्ली: भारत में 'Pegasus' के नाम पर एक ओर जहाँ विपक्ष हंगामा कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस सॉफ्टवेयर को बनाने और बेचने वाली इजरायली कंपनी NSO ग्रुप ने दो टूक कह दिया है कि जिन नंबरों की लिस्ट बताकर कहा जा रहा है कि उनकी जासूसी करने के लिए Pegasus का इस्तेमाल किया गया, वह वास्तविक में उनकी न है और न कभी थी। बड़ी बात तो यह है कि इजरायली कंपनी के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी खुद न्यूज़ चैनल NDTV को दी है। 

उनका कहना है कि पेरिस के गैर लाभकारी समूह (NGO) ‘फॉरबिडन स्टोरीज’ ने जो 50 हजार नंबरों का डेटा प्राप्त किया है, वो उनका है ही नहीं। प्रवक्ता के अनुसार, वह NSO की सूची न है और न कभी थी। ये महज मनगढ़ंत जानकारी है। ये नंबर कभी भी NSO कस्टमरों के निशाने में थे ही नहीं। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि बार-बार जो इस सूची में शामिल नामों को लेकर कहा जा रहा है वह बिलकुल झूठ और फर्जी है। उन्होंने कहा कि कंपनी के पास अपने कस्टमर्स के डेटा का एक्सेस नहीं होता है। ऐसे में उन्हें जांच के अंतर्गत जानकारी देना क्लाइंट का कार्य है। वह ये भी कहते हैं कि अगर आगे NSO को अपनी तकनीक के गलत इस्तेमाल का सबूत मिलता है तो वह इस पर पूरी जाँच करेंगे जैसे कि हमेशा होती थी और होती रहेगी।

इस बाबत कंपनी ने एक सार्वजनिक बयान भी जारी किया, जिसमें उन्होंने न्यूज़ पोर्टल The Wire की उस एक्सप्लोजिव रिपोर्ट को एक सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें 300 नंबर की सूची देते हुए दावा किया गया था कि हैकिंग के संभावित लक्ष्यों में राहुल गाँधी सहित कई बड़े पत्रकारों का नाम शामिल था। इसके साथ ही समूह ने The Wire को संबंधित रिपोर्ट छापने पर मानहानि का मुकदमा ठोंकने की धमकी दी है। इजरायली फर्म ने अपने वकील क्लेयर लॉक के जरिए The Wire को एक पत्र भेजा और निराधार रिपोर्ट छापने पर उन्हें मानहानि की धमकी दी। बता दें कि इस संबंध में बीते दिनों The Wire और The Washington Post पर ऐसी रिपोर्ट्स प्रकाशित हुई थीं, जिनमें दावा किया गया कि NSO ग्रुप के क्लाइंटों ने पेगासस का उपयोग करके अपने प्रतिद्वंदियों को, पत्रकारों को और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं सहित  कई को निशाना बनाया, इस लिस्ट में राहुल गाँधी, प्रशांत किशोर का भी नाम है। हालाँकि, भारत सरकार भी जासूसी के आरोपों को नकार चुकी है। 

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