अब गुजरात में भी 'इस्लामी हिंसा' के कारण पलायन को मजबूर हिन्दू, रामनवमी पर पेट्रोल बम से हुआ था हमला
अब गुजरात में भी 'इस्लामी हिंसा' के कारण पलायन को मजबूर हिन्दू, रामनवमी पर पेट्रोल बम से हुआ था हमला
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अहमदाबाद: गुजरात के साबरकाँठा जिले को हिम्मतनगर के वंजारावास इलाका सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में है। इस इलाके की मुस्लिम आबादी अधिक होने से अपनी जान का खतरा होने की वजह से अब यहाँ से हिंदू समुदाय पलायन करने लगा है। लोग तेजी से अपने घरों को खाली कर रहे हैं। यह सब कुछ 10 अप्रैल, 2022 को रामनवमी के अवसर पर हिंदुओं के जुलूस पर मुस्लिमों के हमले और पत्थरबाजी किए जाने के बाद हो रहा है। बता दें कि गुजरात का वंजारावास, मुस्लिम बहुल इलाका है और हिंदू यहाँ पर अल्पसंख्यक हैं। ये सभी हिन्दू, गरीब और अनुसूचित जाति से संबद्ध हैं। 

रामनवमी की पूर्व संध्या पर यहाँ पर कट्टरपंथी मुस्लिमों के हमले और पत्थरबाजी में 70 से 80 हिदुओं के घरों पर हमला किया गया। वहां  रहने वाले मुस्लिमों ने बड़ी संख्या में यहाँ दो घंटे तक पथराव किया, जिसके चलते अब स्थानीय हिंदू दहशत में हैं। एक स्थानीय व्यक्ति के अनुसार, मुस्लिमों ने उनके घर पर भी पेट्रोल बम भी फेंके थे, स्टील की छत होने की वजह से वो लोग बच गए। यहाँ रहने वाले लगभग 200 हिंदू, इलाके में फैले तनाव के चलते भयभीत हैं।

एक स्थानीय व्यक्ति के अनुसार, इलाके में इस हिंसा के बाद वो लोग दहशत के साए में जी रहे हैं, जो इस जगह को खाली तो करना चाहते हैं, मगर उनके जाने के लिए कोई स्थान नहीं है। कुछ लोगों ने तो स्थानीय मंदिरों में शरण ली हैं। वो बिन पानी और खाने के रहने के लिए विवश हैं। यहीं के एक औऱ स्थानीय निवासी ने अपना दर्द बयाँ करते हुए बताया है कि 'हम लोग सिर्फ 60-70 परिवार हैं, जबकि वे (मुस्लिम) लगभग 2000 परिवार हैं। जब भी वो लोग हमले करते हैं, तो न तो हम अपनी रक्षा कर पाते हैं औऱ न ही उनकी बराबरी कर पाते हैं। इसलिए हम जा रहे हैं।' कुछ लोगों ने ये भी बताया था कि मुस्लिमों ने पुलिस की टीम पर भी पथराव किया था।' एक व्यक्ति ने तो पुलिसिया कार्रवाई पर गड़बड़ी का इल्जाम लगाते हुए कहा कि हिंदुओं को सुरक्षा देने की जगह पुलिस अधिकारी गलत तरीके से उन्हें ही हिरासत में ले रहे हैं।

एक अन्य स्थानीय निवासी ने पुलिस की जाँच में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को सुरक्षा देने की जगह पुलिस अधिकारी उनकी अन्यायपूर्ण हिरासत में ले रहे हैं। वहीं एक पीड़िता महिला ने बताया है कि 11 अप्रैल 2022 को हिंदुओं के इलाके में पत्थरबाजी के बीच उनके घर और दुकान से पंखे और गैस सिलिंडर चुरा लिए गए। घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 4 लोगों को पकड़ा भी। लोगों का तो ये भी आरोप है कि शाम औऱ रात को साम्प्रदायिक हिंसा के दौरान उन्मादी भीड़ ने उन पर पेट्रोल बम फेंके।

बता दें कि 10 अप्रैल 2022 रामनवमी का पर्व था। इस दिन पूरे देश में हिंदुओं ने जुलूस निकाले थे। हालाँकि, इस दौरान कई जगहों पर इस्लामिक कट्टरपंथ का सामना भी करना पड़ा। मुस्लिमों ने जुलूसों पर हमले किए। ऐसा ही हिम्मतनगर में भी हुआ था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस घटना में कुछ वाहनों में तोड़फोड़ भी की गई। ये हमले जुलूस के मुस्लिम बहुल छपरिया इलाके में पहुँचने पर शुरू हुए। पथराव की इन घटनाओं में कई लोग जख्मी हुए हैं। बता दें कि, राजस्थान के करौली में भी इस्लामी हिंसा के बाद वहां के हिन्दू पलायन करने के लिए मजबूर हैं। लेकिन इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि हिन्दू अगर हिंदुस्तान में ही पलायन करेगा तो जाएगा कहाँ ?

 

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