जिस 'नूंह' में जलाभिषेक यात्रा पर हुआ था हमला, वहां पढ़ाने नहीं जाना चाहता कोई शिक्षक, अधिक वेतन देने को तैयार सरकार
जिस 'नूंह' में जलाभिषेक यात्रा पर हुआ था हमला, वहां पढ़ाने नहीं जाना चाहता कोई शिक्षक, अधिक वेतन देने को तैयार सरकार
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चंडीगढ़: हरियाणा का नूंह जिला इन दिनों सुर्ख़ियों में है। 80 फीसद मुस्लिम आबादी वाले इस जिले में बीते दिनों, सावन सोमवार को प्राचीन शिव मंदिर में जल चढाने जा रहे श्रद्धालुओं पर हमला हुआ था। यह जिला पहले से ही अपराधों के लिए कुख्यात रहा है, यही वो इलाका है जहाँ एक DSP सुरेंद्र सिंह को ट्रक से कुचलकर मार डाला गया था, साथ ही इसे साइबर अपराध का गढ़ भी कह जाता है। आलम यह है कि, इस जिले में स्कूलों में कोई भी सरकारी शिक्षक पढ़ाने के लिए राजी नहीं है। वो हरियाणा में कहीं भी जानें को तैयार हैं, लेकिन नूंह नहीं। इस स्थिति से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में शिक्षक स्थानांतरण नीति, 2023 को मंजूरी दे दी है। इसमें नूहं और मोरनी में तैनाती पाने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहन भत्ता यानी ज्यादा तनख्वाह मिलेगी। बता दें कि, मोरनी, चंडीगढ़ के पास एक गाँव है, जो अपनी सांस्कृतिक इमारतों और किलों के लिए मशहूर है। 

बता दें कि, नूहं तो देश का सबसे पिछड़ा जिला है, ये भी एक वजह है कि नूहं में तैनाती चाहने वाले शिक्षकों की तादाद बहुत कम है, जिसके चलते हरियाणा सरकार को ऐसी प्रोत्साहन नीति बनानी पड़ी है। रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा सरकार ने नूहं, मोरनी के साथ ही पलवल के हथीन ब्लॉक को भी इसमें शामिल किया है। इन इलाकों में शिक्षकों की काफी कमी है, क्योंकि शिक्षक इतने पिछड़े इलाकों में जाना ही नहीं चाहते। इस नीति पर फैसला शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग में लिया गया, जिसमें स्थाई शिक्षकों के अलावा गेस्ट टीचर्स को भी अधिक सैलरी मिलेगी। इसमें 10 फीसद अतिरिक्त वेतन, डेली अलाउंस के रूप में अलग से दिया जाएगा। गेस्ट टीचर्स को 10 हजार रुपए हर महीने मिलेंगे, यदि आप कुछ शर्तों को पूरा करते हों।

हरियाणा के शिक्षकों के लिए पहले तो इन इलाकों में जाने के लिए सहमति देनी होगी। दूसरा कि वो शिक्षक इन जिलों के निवासी न हों और न ही उन्होंने शिक्षा इन क्षेत्रों में ली हों। शर्त के अनुसार, वही शिक्षक इस स्कीम का लाभ पाएँगे, जो पंचकुला के न हों (मोरनी क्षेत्र के लिए), पलवल और नूहं क्षेत्र के लिए वो इन दोनों जिलों के अलावा फरीदाबाद और गुरुग्राम से भी न हों और न ही उन्होंने अपनी 10वीं, 12वीं की पढ़ाई यहाँ से की हो।

बता दें कि शिक्षक स्थानांतरण नीति 2016 में लागू की गई थी, जिसमें 2017 में भी बदलाव किया गया था, लेकिन अब उसमें फिर से नई बातें शामिल की गई हैं। नूहं केवल हरियाणा का ही नहीं, बल्कि पूरे देश के सबसे पिछड़े जिला है। पलवल का हथीन ब्लॉक नूहं से सटा हुआ है, वहीं मोरनी पहाड़ी क्षेत्र है। नूहं में लगभग 80 फीसद आबादी मुस्लिम है और शिक्षा के मामले में यहाँ का लिटरेसी रेट 55% के लगभग है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी कुछ दिक्कतें आती हैं, जिसके कारण बाहर से नूहं में आकर कोई रहना नहीं चाहता।

बता दें कि सावन सोमवार (31 जुलाई) को हिंदुओं की जलाभिषेक यात्रा पर जानलेवा हमले के बाद से नूहं में तनाव का माहौल है। ये धार्मिक तनाव आसपास के कई जिलों में फैल गए थे, जिसमें 6 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं दर्जनों लोग घायल हैं। हिंसा के बाद अब नूंह में बुलडोज़र गरज रहा है और खट्टर सरकार चुन-चुनकर दंगाइयों के घर ढहा रही है और उनकी गिरफ़्तारी की जा रही है।  एक रिपोर्ट के अनुसार, अब तक नूंह हिंसा मामले में 202 दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया है और 100 से अधिक को एहतियातन हिरासत में लिया गया है। 

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