जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को राज्य में 19 नए जिले जोड़ने और कुल जिलों की संख्या 50 करने का अपना पुराना वादा पूरा किया। राजस्थान प्रशासन ने 3 नए डिवीजन भी जोड़े हैं, जिससे राज्य में डिवीजनों की तादाद 10 हो गई है। शुक्रवार को हुई कैबिनेट की अहम बैठक में गहलोत सरकार ने ये घोषणाएं कीं।
इन नए जिलों के नाम हैं-अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर सिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर सिटी, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, कोटपूतली, खैरथल, नीमकाथाना, फलौदी, सलूंबर, सांचौर और शाहपुरा। नवगठित संभाग बांसवाड़ा, पाली और सीकर हैं। यह घटनाक्रम इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले आया है।
क्यों पड़ी नए जिले बनाने की जरूरत ?
बता दें कि, मार्च में सीएम गहलोत ने कहा था कि राजस्थान भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। उन्होंने कहा कि राज्य में कई जिले ऐसे हैं, जहां दो कोनों के बीच की दूरी 100 किमी से अधिक है, जिससे लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ उठाना मुश्किल हो जाता है। गहलोत ने कहा कि, "यदि जिले छोटे हैं, तो इससे कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलती है और बेहतर प्रशासन प्रदान किया जा सकता है।" हालाँकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि नये जिले बनाने में देश के कुछ अन्य राज्य राजस्थान से आगे रहे हैं। देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य मध्य प्रदेश में 52 जिले हैं। मध्य प्रदेश की अनुमानित जनसंख्या लगभग 7.2 करोड़ है और दूसरी ओर, राजस्थान की अनुमानित जनसंख्या लगभग 7.8 करोड़ है। राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लिये गये निर्णय से प्रशासनिक कामकाज का दबाव कम होगा। उन्होंने कहा कि जनसंख्या तो बढ़ी है, लेकिन जिले नहीं बढ़े थे, इससे जिला कार्यालयों पर दबाव बढ़ गया था।
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