खड़गे को निमंत्रण नहीं, इसलिए गहलोत-बघेल और सिद्धारमैया ने किया G20 डिनर का बहिष्कार! 15 अगस्त को 'खाली' रही थी कांग्रेस चीफ की कुर्सी
खड़गे को निमंत्रण नहीं, इसलिए गहलोत-बघेल और सिद्धारमैया ने किया G20 डिनर का बहिष्कार! 15 अगस्त को 'खाली' रही थी कांग्रेस चीफ की कुर्सी
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नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुमु द्वारा आज शनिवार (9 सितंबर) को आयोजित G20 डिनर में कांग्रेस के तक़रीबन तीन मुख्यमंत्री शामिल नहीं होंगे। भारत मंडपम में आयोजित किए जा रहे इस खास डिनर में कांग्रेस पार्टी चीफ और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित ना किए जाने से नाराज़ होकर यह फैसला लिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल G20 डिनर में नहीं जाएंगे। लेकिन सूत्रों द्वारा खबर है कि हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू डिनर में हिस्सा लेने के लिए शिमला से दिल्ली निकल चुके हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार, खड़गे के कार्यालय द्वारा बताया गया है कि उन्हें अब तक (शुक्रवार सुबह) राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज के लिए निमंत्रित नहीं किया गया है। बुधवार को कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया था कि राष्ट्रपति द्वारा आयोजित जी20 डिनर में कई केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है, मगर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रण नहीं भेजा गया। उन्होंने यह भी कहा कि डिनर में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल होंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने G20 डिनर में हिस्सा ना लेने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि, हाई कमान ने डिनर में शामिल होना या ना होने का फैसला मुख्यमंत्रियों पर छोड़ रखा है।

 बता दें कि, इससे पहले कांग्रेस ने सरकार पर जातिवाद का आरोप लगाते हुए यह भी कहा था कि, खड़गे दलित समुदाय से आते हैं, इसलिए उन्हें नहीं बुलाया गया है। हालाँकि, देश पर सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली कांग्रेस यह भूल गई थी कि, इस डिनर का आयोजन महामहिम द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में ही हो रहा है, जो खुद आदिवासी समुदाय से आती हैं। यहाँ तक कि, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को भी निमंत्रण दिया गया है, वे भी आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में ये जातिगत भेदभाव का सवाल ही नहीं है। आपको याद होगा कि, पिछले महीने, जब देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा था, उस समय 15 अगस्त के समारोह में खड़गे को निमंत्रण दिया गया था, लेकिन वे स्वतंत्रता दिवस समारोह में नहीं आए थे और उनकी खाली कुर्सी पर मीडिया में काफी चर्चा हुई थी। हालाँकि, जब लाल किले में स्वतंत्राता दिवस का उत्सव चल रहा था, उसी समय खड़गे कांग्रेस दफ्तर में राजनितिक मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे। 

G20 डिनर में सभी कैबिनेट और राज्य मंत्रियों और सभी मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। इसमें केवल मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और पूर्व प्रधानमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है, किसी भी राजनेता को नहीं। यही वजह है कि, अतिथि सूची में खड़गे का नाम नहीं है। ये दुखद है कि, जिस समय दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्ष भारत आए हुए हैं, और देश एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करने जा रहा है, उस समय देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं, जो विदेशी मेहमानों के सामने देश की छवि को धूमिल कर सकते हैं।

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