केवल तलाक कहकर रिश्ता समाप्त करने के पक्ष में नहीं हैं मुस्लिम महिलाऐं
केवल तलाक कहकर रिश्ता समाप्त करने के पक्ष में नहीं हैं मुस्लिम महिलाऐं
Share:

नई दिल्ली : मुस्लिम धर्मावलंबियों को लेकर यह माना जाता है कि काज़ी की मौजूदगी में धर्म के अनुसार रीति-रिवाज़ के बीच केवल कबूल करने भर से ही निकाह हो जाता है और तीन बार तलाक कहकर वैवाहिक रिश्ता समाप्त भी हो जाता है. लेकिन अब मुस्लिम महिलाओं ने यह माना है कि केवल तलाक कहकर यह रिश्ता समाप्त न किया जाए। हाल ही में 92.1 प्रतिशत मुस्लिम महिलाओं ने यह माना कि इस तरह से रिश्ते को समाप्त नहीं किया जाना चाहिए। भारतीय मुस्लिम महिलाओं ने आंदोलन नामक एनजीओ द्वारा किए गए सर्वे में अपनी राय जाहिर की।

सर्वे के लिए 4710 महिलाओं ने अपनी-अपनी राय बताई। यह एनजीओ मुस्लिम समुदाय में विभिन्न तरह के सुधार कार्य करने में लगा है। इस कार्य में उसने मुस्लिम पर्सनल लाॅ में सुधार का कार्य किया है।

हाल ही में महिलाओं ने मुस्लिम समुदाय में स्काइप, ईमेल, मैसेज और व्हाट्सऐप के माध्यम से होने वाले तलाकों पर चिंता जताई। इस दौरान यह जानकारी सामने आई कि सर्वे में देश की अधिकांश मुस्लिम महिलाऐं आर्थिक और सामाजिक तौर पर बहुत पीछे हैं। आधे से अधिक मुस्लिम महिलाओं को 18 वर्ष से पूर्व निकाह करना पड़ा और कई तो ऐसी थीं जिन्हें घरेलू हिंसा का भी सामना करना पड़ा। 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -