विभागों के बजट में हुई 20 प्रतिशत से अधिक की कटौती, पांच सितारा होटलों में कार्यक्रम पर लगाई रोक
विभागों के बजट में हुई 20 प्रतिशत से अधिक की कटौती, पांच सितारा होटलों में कार्यक्रम पर लगाई रोक
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भोपाल: कमलनाथ सरकार के इस माह में प्रस्तुत होने वाले दूसरे बजट के साथ मौजूदा बजट 2019-20 की स्थिति भी साफ नजर आ रही है. केंद्रीय कर और सहायता राशि में कटौती के साथ राज्य कर संग्रहण में संभावित कमी के चलते कुल बजट 27 हजार करोड़ रुपये से अधिक घट सकता है. वहीं, वित्त विभाग ने बजट पुनरीक्षण की तैयारियां प्रारम्भ कर दी हैं. वाणिज्यिक कर विभाग प्रतिदिन राजस्व आय की बातचीत कर रहा है. राज्य के करों से बजट में 65 हजार 273 करोड़ रुपये की आय का अनुमान लगाया गया था, जो संभावना है कि अब घटाकर लगभग 56 हजार करोड़ रुपये किया जाएगा. सरकार राजस्व आय में कमी के चलते विभागों के बजट में 20 प्रतिशत से अधिक कटौती कर चुकी है. अभी इसके और घटने के आसार नजर आ रहे हैं.

इस बजट में वित्त मंत्री तरुण भनोत ने 10 जुलाई 2019 को विधानसभा में जब बजट प्रस्तुत किया था, तब केंद्रीय करों में प्रदेश का हिस्सा, केंद्र से मिलने वाले सहायता अनुदान और राज्य करों से होने वाली आय के आधार पर एक लाख 79 हजार 353 करोड़ रुपये राजस्व मिलने का अनुमान लगाया था. अन्य माध्यमों से प्राप्त होने वाली राशि को मिलाकर दो लाख 14 हजार 363 करोड़ रुपये की प्राप्ति और दो लाख 14 हजार 85 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया था. वहीं, केंद्र सरकार ने करों में प्रदेश का हिस्सा 14 हजार 233 करोड़ रुपये घटा दिया है. राज्य के करों से जो राजस्व मिलना था, वो भी लक्ष्य से काफी पीछे रह गई है.
वित्त विभाग का अनुमान है कि खजाने में लक्ष्य की तुलना में दस हजार करोड़ रुपये से कम राजस्व आ सकता है. वहीं, केंद्रीय सहायता 26 हजार 68 करोड़ रुपये में से 31 जनवरी तक 15 हजार 862 करोड़ रुपये ही मिले हैं. करीबन चार हजार करोड़ रुपये और मिलने की संभावना है. चूकि, राजस्व में कमी को देखते हुए सरकार वित्तीय प्रबंधन में जुट गई है. विभागों के बजट में 20 प्रतिशत से अधिक कटौती हो गई है. नए वाहन और उपकरण खरीदी के साथ पांच सितारा होटलों में कार्यक्रम रोक लगाई जा चुकी है.

इस बजट में कटौती का असर निर्माण कार्य से लेकर कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में वृद्धि तक पर पड़ता नजर आ रहा है. वहीं, लोक निर्माण विभाग के काम थम गए हैं तो ठेकेदारों को भुगतान भी नहीं हो रहा है. केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2019 में कर्मचारियों के महंगाई भत्ता और राहत में पांच फीसदी की वृद्धि की थी, जो प्रदेश में अब तक लागू नहीं की गई है. मुख्यमंत्री कन्यादान और निकाह योजना के हितग्राहियों का सहायता राशि का भुगतान भी आधा-अधूरा ही हुआ है.

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