नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के बड़े-छोटे सरकार दरगाह में मानसिक रूप से बीमार लोगों को इलाज का हवाला देते हुए जंजीर से बांध कर रखने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी व्यक्त की है .शीर्ष अदालत का कहना है कि मानसिक रूप से बीमार शख़्स को चेन में बांधकर नही रखा जाना चाहिए. ये उनके अधिकारों और उनके सम्मान के खिलाफ है. एक मानसिक रोगी भी इंसान है, उसकी भी अपनी गरिमा है.
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अगर वो हिंसक भी हैं, तो उन्हें अलग और अकेले रखा जा सकता है, लेकिन चेन में बांधना समाधान नही. दरअसल बदायूं के बड़े-छोटे सरकार दरगाह में मानसिक रूप से बीमार लोगों को इलाज के लिए ज़ंजीर से बांध कर रखा जाता है. इसके खिलाफ गौरव बंसल नाम के वकील ने याचिका दायर कोर्ट से मामले में संज्ञान लेने की मांग की थी.
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वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सोमवार (7 जनवरी) को अगली सुनवाई पर सरकार से जवाब तलब किया है. याचिका में ये भी कहा गया है कि राज्य मेंटल हेल्थ केयर एक्ट पर अमल नहीं कर रहे हैं. इस पर भी अदालत ने सभी राज्यों, केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए, इस तरह की घटनाओं पर जवाब देने और मेंटल हेल्थ केयर एक्ट पर अमल करने का निर्देश जारी किया है.
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