मध्य प्रदेश: वर्षों से टूटा हुआ है ये पुल, जान खतरे में डालकर आवाजाही कर रहे ग्रामीण
मध्य प्रदेश: वर्षों से टूटा हुआ है ये पुल, जान खतरे में डालकर आवाजाही कर रहे ग्रामीण
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दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में जिला मुख्यालय से महज 35 किमी दूरी पर स्थित पिपरिया गांव और खलवा टोला सरकारी उपेक्षा का दंश झेलने को मजबूर है. जहां दो प्रखण्ड और 20 गांवों को जोड़ने वाला पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है और इसका कहीं कोई नामो-निशान भी नहीं बचा है. ऐसे में सरकार भी इस पर निगाह नही डाल रहा है और न ही प्रशासन का इस पर ध्यान दे रहा है.

नदी के इस पार खलवा टोला और उस पार पिपरिया वर्षा के दिनों में एक दूसरे से बिलकुल कट जाते हैं. जहां बच्चों की पढ़ाई छूट जाती है, तो वहीं मरीजों का हाल बेहाल हो जाता है. ऐसे में आवश्यक काम होने पर लोगों को पेड़ की डालों और रस्सियों का सहारा लेकर इस पार से उस पार जाना पड़ता है. ऐसे में इस नदी में कई लोग डूब भी जाते हैं. भारी बारिश में गांव टापू बन जाता है. मरीजों को खाट पर लाया जाता है. गांवों में जाने के लिए दूसरा कोई रास्ते नहीं है. यहां लोगों की सहायता करने के लिए एक युवक ने अपनी जमीन बेचकर नाव खरीदी है, जिससे वह लोगों को इस पार से उस पार ले जाने का कार्य करता है. मांझी का कहना है कि वह लगातार तीस वर्ष से दोनों गांव की सेवा कर रहा है, किन्तु उसे न तो मजदूरी मिलती है और न ही सरकार की ओर से कोई मदद.

वहीं ग्रामीणों का कहना है पुल बन जाता और रास्ते से जुड़ जाता तो ये समस्या दूर हो जाती. ऐसे में विकास के दावे करने वाली मध्य प्रदेश सरकार अभी तक इस पुल को नही देख पाई है. वहीं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पथरिया पंचायत का कहना है कि "आरईएस एजेंसी ने शायद पुल का आधा ही निर्माण किया है. हम इसे पूरा करने के लिए पत्र लिखेंगे."

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