लंपी वायरस ने मचाया हाहाकार, कम पड़ गई मवेशियों को दफनाने की जगह
लंपी वायरस ने मचाया हाहाकार, कम पड़ गई मवेशियों को दफनाने की जगह
Share:

देहरादून: वर्ष 2022 में लंपी वायरस से लाखों मवेशियों की जान चली गई थी। हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित कई प्रदेशों में इस खतरनाक वायरस के कई लाख मामले सामने आए थे। राजस्थान में इतनी गायों एवं भैंसों की मौत हुई थी कि उन्हें दफनाने के लिए जगहें कम पड़ गई थी। हालांकि, इस के चलते सरकार ने लंपी वायरस पर बहुत हद तक नियंत्रण पा लिया था। इसे लेकर अब एक बार फिर उत्तराखंड से डराने वाली खबरें निकल कर आ रही हैं। यहां बीते 4 दिनों में 3131 अधिक लंपी वायरस के मामले दर्ज किए गए। इनमें से लगभग 1,669 मवेशी इस संक्रमण से उबर चुके हैं।

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि प्रदेश में लंपी वायरस संक्रमण में मृत्यु दर 1।02 फीसदी है। वहीं, रिकवरी दर 53।3 फीसदी पाई गई है। गोवंश की अंतरराज्यीय आवाजाही को फिलहाल रोक दिया गया है। मवेशियों के टीककरण के लिए एक अभियान आरम्भ किया गया है। प्रदेश में 7 लाख से ज्यादा गोवंश का टीकाकरण किया जाना है। इसे 10-12 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य है। 

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने आगे बताया कि कुमाऊं क्षेत्र के अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल एवं पिथौरागढ़ जिले इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित हैं।  रुद्रप्रयाग, चमोली एवं पौड़ी में भी ये संक्रमण तेजी से फैल रहा है। चारधाम यात्रा के पहले 15 दिनों के चलते 16 खच्चरों की मौत हो चुकी है। हालांकि, ये आंकड़ा बीते वर्ष की तुलना में बहुत कम है। बीते वर्ष इतने समय में 47 खच्चरों की मौत हुई थी। खच्चरों की देखभाल के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई बेहतर सुविधाओं एवं नियमों का उल्लंघन करने वाले खच्चर संचालकों के लिए कड़ी सजा दी जाएगी।

पायलट की पदयात्रा से बेफिक्र कांग्रेस हाईकमान! लेकिन 'निष्पक्ष' पत्रकार बेहद परेशान, आखिर क्यों ?

किडनी बेचने अस्पताल पहुंचा नाबालिग बेटा, वजह जानकर हर कोई हो गया भावुक

चार धाम यात्रा से पहले जरूर पढ़ लें ये खबर

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -