65 वर्षीय लवगुरु को 30 साल की शिष्या से हुआ प्यार, छोड़ दिया घर-बार, ये है जूली-मटुकनाथ की 'डेंजरस' लव स्टोरी
65 वर्षीय लवगुरु को 30 साल की शिष्या से हुआ प्यार, छोड़ दिया घर-बार, ये है जूली-मटुकनाथ की 'डेंजरस' लव स्टोरी
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पटना:  लवगुरु मटुकनाथ और उनकी प्रेमिका जूली की प्रेम कहानी के बारे में कौन नहीं जानता। । हालांकि, इस प्रेम कहानी में एक नया मोड़ आया है और मोहब्बत की बात करने वाले, इश्क़ का ज्ञान और शेखी बघारने वाले प्रोफेसर मटुकनाथ पर जूली की उपेक्षा का बड़ा इल्जाम लगा है। कभी आयु का फासला मिटाकर, समाज और दुनिया से बगावत कर जिस जूली ने मटुकनाथ से नाता जोड़ा था, फिर उसे छोड़कर आध्यात्म की तरफ मुड़ गई थी, वो ताजा जानकारी के अनुसार जिंदगी-मौत की लड़ाई लड़ रही है। ये हम नहीं कह रहे ये भोजपुरी की मशहूर गायिका और जूली की सहेली देवी ने बताया है कि उन्होंने जूली का पता लगा लिया है।

देवी ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि मुझे एक दिन अचानक एक परिचित का मैसेज आया जिससे पता चला कि जूली इस समय वेस्टइंडीज के त्रिनिदाद में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है। वह कई महीनों से मानसिक बीमारी से जूझ रही है। जब देवी ने जूली से संपर्क किया तो जूली ने अपनी फोटो भेजकर उन्हें अपनी हालत से अवगत कराया और भारत लाकर उसका उपचार करने की गुहार लगाई। देवी का कहना है कि जूली के बारे में सबकुछ जानने के बाद भी मटुकनाथ ने उसे भारत लाने से मना कर दिया और कहा मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं। इसके बाद देवी ने भी अब ठान लिया है कि अपनी सहेली जूली को किसी भी सूरत में भारत लाना है और उसका इलाज करवाना है।

इतना ही नहीं, देवी ने जूली के भाई को भी कॉल किया, किन्तु उसके भाई ने भी यह कहकर सहायता करने से मना कर दिया कि अब ये रिश्ता टूट चुका है। अब देवी ने जहां जूली की सहायता के लिए सीएम नीतीश को पत्र लिखा है वहीं विदेश मंत्रालय से भी आग्रह किया है। देवी ने मटुकनाथ के प्रेम को झूठा और ढोंगी बताते हुए कहा कि जिस लड़की ने इस प्रेम की खातिर सबकुछ छोड़ दिया आज इस हालत में मटुकनाथ ने उसका हाथ छोड़ दिया है।

वहीं, जब मीडिया ने इस संबंध में मटुकनाथ से बात की तो उन्होंने कहा कि ये सत्य है कि जूली बीमार थी, किन्तु अब उसकी तबीयत ठीक है। मेरी उनसे बात हुई है और वो अब भारत आना चाह रही हैं, वो जल्द भारत आ जाएंगी। मटुकनाथ ने देवी पर इल्जाम लगाया कि जूली की तस्वीरें और सीएम को पत्र लिखकर वो बस मीडिया को आकर्षित करना चाह रही हैं। वो सक्षम हैं, चाहें तो जूली को भारत लाकर उनका उपचार करवा सकती हैं। ऐसे पत्र लिखने की क्या आवश्यकता है। बता दें कि लवगुरु मटुकनाथ और जूली की लव स्टोरी ने एक समय हर किसी को सोचने पर विवश कर दिया था। इसमें न केवल गुरु-शिष्या की परंपरा पीछे छूट गई थी, बल्कि उम्र की दीवारें भी टूट गई थीं। इस बेमेल मोहब्बत की जबरदस्त चर्चा हुईं थीं। मटुकनाथ-जूली की प्रेम कहानी 2006 में तब सामने आई थी, जब मटुकनाथ पटना यूनिवर्सिटी में हिन्दी के प्रोफेसर पद पर कार्यरत थे और जूली इनकी शिष्या थी, जो उनसे आधी आयु की थी।

शिष्या जूली और मटुकनाथ की प्रेम कहानी सामने आती ही न सिर्फ सुर्खियां बन गई थी, बल्कि परिवार से लेकर समाज तक में जमकर हंगामा भी हुआ था। जहां  मटुकनाथ ने शिष्या से मोहब्बत करते ही अपने बसे-बसाए परिवार को छोड़ दिया था। वहीं, जूली के परिवार वालों ने भी जूली से संबंध तोड़ लिए थे। यहां तक कि मटुकनाथ के मुंह पर कालिख तक पोती गई थी और यूनिवर्सिटी ने उन्हें निलंबित तक कर दिया था। गत पांच वर्षों से मटुकनाथ और जूली अलग-अलग रह रहे हैं। मटुकनाथ ने अपना शिक्षक का काम जारी रखा तो वहीं जूली ने आध्यात्म की तरफ रूख कर लिया। मटुकनाथ ने जूली के चले जाने के बाद आज भी अपने घर में जूली की फोटोज़ लगा रखी हैं। उनका कहना है कि वो आज भी जूली से बेइंतहा मोहब्बत करते हैं। 

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