'लालू यादव हाजिर हों..', कोर्ट का आदेश, देखें वो 7 मामले, जिनमे लोगों से 'जमीन' लेकर रेलवे में दी गई नौकरी
'लालू यादव हाजिर हों..', कोर्ट का आदेश, देखें वो 7 मामले, जिनमे लोगों से 'जमीन' लेकर रेलवे में दी गई नौकरी
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पटना: गृह मंत्रालय द्वारा जमीन के बदले नौकरी घोटाले (Land For Jobs Scam) में RJD सुप्रीमो और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के खिलाफ एक नए आरोपपत्र को मंजूरी देने के कुछ दिनों बाद, दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को उन्हें को समन जारी किया है। रिपोर्ट के अनुसार, लालू यादव के अलावा रेलवे के पूर्व अधिकारियों को भी 4 अक्टूबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है।

बता दें कि, 12 सितंबर को, CBI ने अदालत को सूचित किया था कि मामले में एक ताजा आरोप पत्र में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी गृह मंत्रालय से प्राप्त की गई थी। यह घटनाक्रम जुलाई में कोर्ट द्वारा लालू यादव और अन्य आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी प्राप्त करने के लिए सीबीआई को समय दिए जाने के बाद हुआ। बता दें कि, यह मामला उस भ्रष्टाचार से संबंधित है जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार में रेल मंत्री हुआ करते थे और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री। आरोप है कि, उस समय लालू ने लोगों की बेशकीमती जमीनें अपने और अपने परिवार के नाम पर लिखवाकर उन्हें रेलवे में नौकरी दी 

CBI ने अपनी जांच में कहा था कि लालू यादव और उनके परिवार ने महज 26 लाख रुपये में 1 लाख वर्ग फुट से अधिक जमीन का अधिग्रहण किया है, जबकि इस जमीन की वास्तविक कीमत करोड़ों में थी। ये लोगों को रेलवे में नौकरी देने के एवज में आने-पौने दामों पर खरीदी गई और कुछ जमीनें तो गिफ्ट के रूप में यूँ ही ले ली गई। 

एक रिपोर्ट के अनुसार, CBI ने अपनी जांच में पाया है कि लालू यादव को पटना में 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन दी गई। इन जमीनों की खरीद में नकद भुगतान हुआ और उन्हें बेहद कम दाम पर खरीदा गया। लालू यादव और उनके परिजनों को 7 उम्मीदवारों की नौकरी के बदले में जमीनें मिलीं। इनमें से 5 जमीनों को बेच दिया गया, जबकि दो जमीनें उन्हें उपहार के रूप में दी गईं। इस घटना में, केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने अपनी जांच में खुलासा किया कि यह डील में लालू यादव ही नहीं, उनके व्यक्तिगत सहायक भोला यादव, पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती, और हेमा यादव जैसे कुछ उम्मीदवार भी शामिल हैं। इस मामले में CBI 2022 में भ्रष्टाचार के एक नए केस की दर्ज़ी किया था। 

मामला-1: जांच में CBI ने पाया कि फरवरी 2007 में पटना के निवासी हजारी राय ने अपनी 9527 वर्ग फुट जमीन को एके इन्फोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया। इस जमीन की कीमत 10.83 लाख रुपये थी। बाद में हजारी राय के दो भतीजे दिलचंद कुमार और प्रेमचंद कुमार को रेलवे में नौकरी मिली। CBI की जांच में यह बात सामने आई कि साल 2014 में एके इन्फोसिस्टम के सभी हक़ और संपत्तियाँ राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर चली गईं। साल 2014 में राबड़ी देवी ने इस कंपनी के अधिकांश शेयर ख़रीदे और इस कंपनी की डायरेक्टर बन गईं।

मामला-2: नवंबर 2007 में पटना की निवासी किरण देवी ने अपनी 80,905 वर्ग फुट जमीन को लालू यादव की बेटी मीसा भारती के नाम पर कर दिया। इस डील की कीमत सिर्फ 3.70 लाख रुपये थी। बाद में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को मुंबई में नियुक्ति मिली।

मामला-3: इसी तरह, फरवरी 2008 में पटना के निवासी किशुन देव राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को राबड़ी देवी को बेच दिया। इस जमीन की कीमत 3.75 लाख रुपये थी। इसके बदले में किशुन राय के परिवार के तीन लोगों को रेलवे में नौकरी मिली।

मामला-4: इसी तरह, फरवरी 2008 में पटना के महुआबाग में निवासी संजय राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को राबड़ी देवी को बेच दिया। इस जमीन की कीमत 3.75 लाख रुपये थी। इसके बदले में संजय राय और उनके परिवार के दो सदस्यों को रेलवे में नौकरी मिली थी।

मामला-5: इसी तरह, मार्च 2008 में ब्रिज नंदन राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को ह्रदयानंद चौधरी को बेच दिया। इस डील की कीमत 4.21 लाख रुपये थी। इसके बाद ह्रदयानंद चौधरी ने यह जमीन लालू यादव की बेटी हेमा यादव को तोहफ़े में दे दी। ह्रदयानंद चौधरी को साल 2005 में हाजीपुर में रेलवे में नियुक्ति मिली थी।

मामला-6: मार्च 2008 में विशुन देव राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को सिवान के निवासी ललन चौधरी को बेच दिया। उसी साल ललन के पोते पिंटू कुमार को पश्चिमी रेलवे में नियुक्ति मिली। इसके बाद फरवरी 2014 में ललन चौधरी ने यह जमीन लालू यादव की एक और बेटी हेमा यादव को गिफ्ट कर दी।

मामला-7: इसी तरह, मई 2015 में पटना के निवासी लाल बाबू राय ने अपनी 1360 वर्ग फुट जमीन को राबड़ी देवी को बेच दी। इस डील की कीमत 13 लाख रुपये थी। CBI की जांच में पता चला कि साल 2006 में लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को रेलवे में नियुक्ति मिली थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, CBI की जांच में पता चला कि लालू यादव और उनके परिवार ने बिहार में 1.05 लाख वर्ग फीट की जमीन को सिर्फ 26 लाख रुपए में ख़रीदी थी। जबकि उस समय के सर्किल रेट के अनुसार उन जमीनों की कुल कीमत लगभग 4.40 करोड़ रुपए थी। CBI ने यह खुलासा किया कि जमीनों की ख़रीद के मामले में अधिकांश जमीनों के लिए नकद पैसे दिए गए थे। इसी नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में ED ने लालू परिवार के खिलाफ शिकंजा कसा है। 

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