विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) प्रतिवर्ष 20 मार्च को सेलिब्रेट किया जाता है. आज भी दुनिया के कई देशों में गौरैया पाई जाती है. यह दिवस लोगों में गौरेया के प्रति जागरुकता बढ़ाने और उसके संरक्षण के लिए सेलिब्रेट किया जा रहा है. बढ़ते प्रदूषण सहित कई कारणों से गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है और इनके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
World Sparrow Day का इतिहास: विश्व गौरैया दिवस, नेचर फॉरएवर सोसाइटी ऑफ इंडिया के साथ-साथ फ्रांस की इकोसेज एक्शन फाउंडेशन ने एक खास पहल शुरू की थी. सोसाइटी की शुरुआत फेमस पर्यावरणविद् मोहम्मद दिलावर ने की थी. उन्हें 2008 में टाइम मैगजीन ने "हीरोज ऑफ एनवायरमेंट" में शामिल कर लिया गया है. वर्ष 2010 में पहली बार 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस को सेलिब्रेट किया गया था. जिसके साथ प्रति वर्ष 20 मार्च को यह दिवस सेलिब्रेट भी किया जाता है. इस दिवस पर गौरैया के संरक्षण के लिए काम करने वाले लोगों को गौरैया पुरस्कार से सम्मानित भी किया जाता है.
गौरैया से जुडे कुछ रोचक तथ्य: गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस और सामान्य नाम हाउस स्पैरो है. जिसका ऊंचाई 16 सेंटीमीटर और विंगस्पैन 21 सेंटीमीटर ही होती है. गौरैया का वजन 25 से 40 ग्राम होता है. गौरैया अनाज और कीड़े खाकर जीवनयापन करती है. शहरों की तुलना में गांवों में रहना इसे बहुत पसंद है.
कम हो रही है गौरैया की संख्या: हम बता दें कि गौरैया की संख्या निरंतर कम होती चली जा रही है. एस स्टडी के अनुसार जिसकी तादाद में 60 फीसदी तक कमी आई है. विश्व गौरैया दिवस सेलिब्रेट करने का एक उद्देशय यह भी है कि हमारे युवा और प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों को गौरैया से प्रेम करने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
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