जयपुर: राजस्थान के कोटा स्थित जे.के.लोन सरकारी अस्पताल में मरने वाले नवजात बच्चों की तादाद अब बढ़कर 110 पहुंच गई है. वहीं प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बच्चों की मौत का कारण हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान असंतुलित हो जाना) है. अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी भी इसका कारण हो सकती है.
राजस्थान सरकार द्वारा बच्चों की मौतों की वजह का पता लगाने के लिए गठित की गई समिति ने अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की है कि हाइपोथर्मिया के कारण शिशुओं की मौत हुई है. बता दें कि हाइपोथर्मिया एक ऐसी आपात स्थिति होती है, जब शरीर का तापमान 95 एफ (35 डिग्री सेल्सियस) से कम चला जाता है. वैसे शरीर का सामान्य तापमान 98.6 एफ (37 डिग्री सेल्सियस) रहता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल में बच्चे ठंड की वजह से मरते रहे और यहां पर जीवन रक्षक उपकरण भी पर्याप्त मात्रा में नहीं थे.
नवजात शिशुओं के शरीर का तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस रहना चाहिए, इसलिए उन्हें वार्मरों पर रखा गया, जहां उनके शरीर का तापमान सामान्य रहता है. हालांकि अस्पताल में काम कर रहे वार्मर की कमी होती गई और बच्चों के शरीर का तापमान भी गिरता रहा. रिपोर्ट में बताया गया है कि 28 में से 22 नेबुलाइजर दुष्क्रियाशील (डिसफंक्शनल) मिले. वहीं 111 में से 81 जलसेक (इनफ्यूजन) पंप कार्य नहीं कर रहे थे और पैरा मॉनिटर और पल्स ऑक्सीमेटर्स की स्थिति भी ख़राब थी.
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