नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को यूरिया के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। निर्माण भवन में हुई इस बैठक में उन्होंने ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ का उपयोग कर डीएपी का उत्पादन करने की सलाह दी। इस मीटिंग के चलते केंद्रीय मंत्री ने फर्टिलाइजर विभाग के अफसरों से भारत में कृषि को बढ़ावा देने तथा ‘ग्रीन फ्यूचर’ के लिए जरुरी कदम उठाने की अपील की गई।
वही पिछले दिनों देशभर में फर्टिलाइजर खतरा गहरा गया था। इस खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत को फर्टिलाइजर क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाने की रणनीति बनाई थी। इसके लिए केंद्र सरकार ने भारत में मौजूद फर्टिलाइजर आधारित घरेलू उद्योगों की सहायता करके उन्हें आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें मंत्रालय से संबंधित कई सीनियर अफसर उपस्थित रहे।
मीटिंग में फर्टिलाइजर सेक्टर में भारत को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर जोर दिया गया। साथ ही मीटिंग में यह भी निर्धारित किया गया देश में फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) का उत्पादन बढ़ाने के लिए फर्टिलाइजर उत्पादन में लगे घरेलू उद्योगों को दी जा रही सहायता को जारी रखा जाए। साथ ही मीटिंग में अफसरों ने भारत में फर्टिलाइजर का उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से न्यूट्रिशन बेस्ड सब्सिडी (उर्वरक सब्सिडी) के अतिरिक्त प्रावधानों को भी प्रस्तावित किया।
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