भारत ने लिया पानी रोकने का फैसला, पाकिस्तान ने कहा- 'भारत के पास हमारे पानी...'
भारत ने लिया पानी रोकने का फैसला, पाकिस्तान ने कहा- 'भारत के पास हमारे पानी...'
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14 जनवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से ही भारत एक-ेककर पाकिस्तान को बड़े झटके दे रहा है. इस हमले के बाद हिंदुस्तान ने पाकिस्तान जाने वाली रावी, व्यास और सतलज तीन ही नदियों का पानी रोकने का फैसला किया है. इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि, 'तीन नदियों के अधिकार का पानी प्रोजेक्ट बनाकर पाकिस्तान की बजाय यमुना में छोड़ा जाएगा.' ऐसे में अब भारत के इस बड़े फैसले पर पाकिस्तान की ओर से प्रतिक्रिया आई है. 

हाल ही में सिंधु जल आयोग के उप-प्रमुख शेराज मेमन ने इस बारे में कहा है कि, 'पानी रोकने को लेकर भारत की ओर से हमारे पास कोई जानकारी नहीं आई है. अगर ऐसा कुछ होता है तो यह गलत होगा. भारत में हमारे पानी को रोकने या मोड़ने की क्षमता नहीं है.' आपकी जानकारी के लिए बता दें, साल 1960 में भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु नदी जल समझौता किया था.

सूत्रों की माने तो इस समझौते के तहत 6 नदियों के पानी का बंटवारा तय हुआ और 6 नदियां वो थी जो भारत से पाकिस्तान जाती हैं. इस समझौते में रावी, व्यास और सतलज के पानी का पूरा अधिकार भारत को दिया गया था और बाकी की बची हुई 3 नदियों यानी झेलम, चिनाब और सिंधु के पानी के बहाव को बिना बाधा पाकिस्तान को देना तय हुआ था. साथ ही इस समझौते में झेलम, चिनाब और सिंधु नदियों के पानी का कुछ सीमित इस्तेमाल का अधिकार भारत को भी दिया गया. ऐसे में भारत के हिस्से में आई तीन नदी यानी रावी, व्यास और सतलज नदी के पानी का पूरा इस्तेमाल भारत में नहीं हो पता है और इसलिए यह तीनों नदियां भी पाकिस्तान का प्यास बूझाती है.

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