नई दिल्ली: 3 फरवरी को, एक विवादास्पद इस्लामी धर्मगुरु और इत्तिहाद-ए-मिल्लत काउंसिल पार्टी के प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा खान ने अनुभवी राजनेता लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने के केंद्र सरकार के हालिया फैसले की आलोचना की। अपनी भड़काऊ टिप्पणियों के लिए मशहूर तौकीर रज़ा ने एक प्रेस वार्ता के दौरान अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने आडवाणी पर विभाजनकारी राजनीति करने और देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाया। अपने विवादित बयानों में मौलाना ने देश में गृह युद्ध छेड़ने की भी धमकी दी।
तौकीर रजा ने दावा किया कि अगर लाल कृष्ण आडवाणी ने 1990 के दशक में जो रथ यात्रा निकाली थी, वह देश में प्रगति, समृद्धि, शांति और भाईचारे के लिए थी, तो वह इस पुरस्कार के हकदार हैं। हालाँकि, उनके अनुसार, आडवाणी को देश में विभाजन की राजनीति करने और नफरत फैलाने के लिए सम्मानित किया गया था। उन्होंने इसे ''भारत रत्न का अपमान'' बताया। उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान राजनीतिक स्थिति "घृणा, बेईमानी और अन्याय" से घिरी हुई है, और "ऐसा माहौल बनाने में शामिल किसी व्यक्ति को पुरस्कार देना प्रतिष्ठित पुरस्कार का अपमान है"।
ब्रेकिंग: मौलाना तौकीर रज़ा ने दी भारत में गृहयुद्ध की धमकी!
— हम लोग We The People ???????? (@ajaychauhan41) February 4, 2024
उन्होंने कहा, "मुसलमानों के धैर्य के कारण ही भारत में अभी तक गृहयुद्ध नहीं हुआ है। मुझे डर है कि यदि हमारे युवा हमारे नियंत्रण से बाहर हो गये, तो भारत को गृहयुद्ध से कोई नहीं बचा सकता।" pic.twitter.com/ati06Ou8ZC
उन्होंने कहा, ''इन मुद्दों के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो वह लाल कृष्ण आडवाणी हैं।'' वह लगातार आडवाणी को पुरस्कार देने पर निराशा व्यक्त करते रहे। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाना चाहिए जिन्हें समाज के सभी वर्गों द्वारा स्वीकार किया जाता है और जिनके कार्यों की राष्ट्र प्रशंसा करता है। मौलाना ने कहा कि, "जिसने देश को बांटा, नफरत फैलाई और देश में नफरत का माहौल बनाया, उसे भारत रत्न नहीं दिया जाना चाहिए।" नाराज इस्लामिक मौलवी यहीं नहीं रुके और उन्होंने देश में गृहयुद्ध की चेतावनी भी दे दी। उन्होंने कहा कि यह मुसलमानों के धैर्य का ही नतीजा है कि धार्मिक तनाव नहीं बढ़ रहा है। मुसलमानों के नियंत्रण खोने के प्रति आगाह करते हुए उन्होंने कहा, "अगर हमारे नौजवान काबू से बाहर हो गए, तो भारत को गृहयुद्ध से कोई नहीं बचा सकता।"
उन्होंने दावा किया कि मुसलमान शांति चाहते हैं और धार्मिक कट्टरता, मस्जिदों के विध्वंस, मुसलमानों की लिंचिंग और उनके सांस्कृतिक प्रतीकों के विनाश का माहौल नहीं चाहते हैं। मौलाना तौकीर रजा खान की विवादित टिप्पणी कोई नई बात नहीं है। उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन में उतरे तौकीर रजा ने बार-बार दंगों की चेतावनी दी है। अप्रैल 2022 में यूपी में अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई से आहत होकर उन्होंने कहा था कि, ''अगर यह सरकार ऐसे ही अन्याय करती रही, तो देशव्यापी जेल भरो आंदोलन इतना बड़ा हो जाएगा कि सरकार इसे रोक नहीं पाएगी। और जिस दिन मुसलमान सड़कों पर आ गए, समझ लेना चाहिए कि वे बेकाबू हो जाएंगे। इसलिए, मैं सरकार और विशेष रूप से नरेंद्र मोदी को चेतावनी देता हूं कि यदि वह तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने के इस तरीके को ठीक करने में विफल रहते हैं। और उनकी चुप्पी। आप हम सबके प्रधानमंत्री हैं। आपके देश में ऐसी हरकतें हो रही हैं और आप चुप हैं?”
जिस मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा था कि अगर मुस्लिम कानून अपने हाथ मे लेले तो हिंदुओं को छुपने की जगह नही मिलेगी, वो आज कांग्रेस में शामिल हो गया । और उसे शामिल करने में मुख्य भूमिका निभाई
— Tajinder Bagga (@TajinderBagga) January 18, 2022
@harishrawatcmuk जी ने । हरीश रावत जी चिंता ना करो देवभूमि की जनता आपको इसका जवाब देगी pic.twitter.com/JhVupqTwFp
जनवरी 2022 में उन्होंने 20 लाख मुसलमानों की भीड़ को संबोधित करते हुए ऐसी ही टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि, ''मैं अपने मुस्लिम नौजवानों के अंदर गुस्सा देखता हूं और मुझे डर है कि जिस दिन यह गुस्सा फूट पड़ेगा, जिस दिन मैं उन पर नियंत्रण खो दूंगा। मैं अपने हिंदू भाइयों को चेतावनी देना चाहता हूं कि मुझे डर है कि जिस दिन मेरे मुस्लिम नौजवान कानून हाथ में लेने के लिए मजबूर हो गए, आपको भारत में कहीं भी छिपने की जगह नहीं मिलेगी।” बता दें कि मौलाना तौकीर रजा खान कई मौकों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुके हैं। उन्होंने यूपी में 2009 के आम चुनावों में भी पार्टी का समर्थन किया था।
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