नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इंटरपोल के महासचिव से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने भगोड़ों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने में हो रही देरी को लेकर चिंता व्यक्त की। इंटरपोल के महासचिव जर्गेन स्टॉक के साथ बातचीत में उन्होंने नशा तस्करी, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, काला धन और धनशोधन के खिलाफ दीर्घावधि रणनीतिक कार्ययोजना शुरू करने पर जोर दिया। शाह ने उनसे आतंकवादी गतिविधियों के आरोपी जाकिर नाइक जैसे भगोड़ों का मुद्दा भी उठाया।
गृह मंत्रालय के अनुसार, गृहमंत्री शाह ने रेड कॉर्नर नोटिस के प्रकाशन में हो रहे विलंब पर चिंता जताई और ऐसे नोटिसों के त्वरित प्रकाशन की आवश्यकता पर बल दिया।’ शाह ने स्टॉक को बताया कि इस तरह के सहयोग से हाई प्रोफाइल भगोड़े आर्थिक अपराधियों और आतंकवादियों के मामले में भारत अधिक सख्ती बरतता है। रेड कॉर्नर नोटिस अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट होता है जिसमें इंटरपोल अपने सदस्य देशों से भगोड़ों को गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने का आग्रह करता है।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2016, 2017 और 2018 के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इंटरपोल को क्रमश: 91, 94 और 123 रेड कॉर्नर जारी करने के आग्रह भेजे और इंटरपोल ने क्रमश: 87, 84 और 76 नोटिस जारी किए। इस साल 15 जुलाई तक इंटरपोल को 41 आग्रह भेजे गए और 32 प्रकाशित हो चुके हैं। इंटरपोल ने जिन लोगों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी नहीं किया है उनमें जाकिर नाईक भी शामिल है जिस पर युवकों को आतंकवादी हमले करने के लिए भड़काने एवं उन्हें कट्टर बनाने के आरोप हैं। नाईक फिलहाल मलेशिया में रह रहा है। भारत ने देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ समारोह के तहत यहां साल 2022 में इंटरपोल महासभा की मेजबानी करने का शनिवार को प्रस्ताव दिया। भारत के कई सारे अपराधी विदेशों में छिपे हैं।
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