नई दिल्ली: वामपंथी न्यूज़ पोर्टल, न्यूजक्लिक (NewsClick) की विदेशी फंडिंग के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। ED ने बुधवार (9 अगस्त) को न्यूजक्लिक के एडिटर इन चीफ प्रबीर पुरकायस्थ की दिल्ली स्थित एक फ्लैट को जब्त कर लिया है। वहीं, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI), न्यूजक्लिक के बचाव में उतर आया है। बता दें कि, इससे पहले सितंबर 2021 में केंद्रीय एजेंसी ने पुरकायस्थ के परिसर पर रेड मारी थी, उस समय भी कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने इसे प्रेस पर हमला बताया था। अब न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि, न्यूज़क्लिक को चीनी प्रोपेगेंडा से जुड़ी फर्जी खबरें चलाने के लिए चीन से फंड मिलता है, जिसके बाद वामपंथी पोर्टल के खिलाफ जांच फिर से तेज हो गई है। ED की हालिया कदम न्यूजक्लिक पोर्टल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जारी जाँच के हिस्से के रूप में आया है।
The Press Club of India issues a statement condemning the targeting of Newsclick and journalists associated with it.
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) August 9, 2023
“The accusations leveled by senior political figures, including some MPs,
suggesting that the portal serves as a mouthpiece for a neighboring country are both… pic.twitter.com/asZJInlRxv
ED इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है। कहा जा रहा है कि तलाशी के दौरान विदेशी मुद्रा, संभावित निहितार्थ वाले दस्तावेज़ और डिजिटल साक्ष्य समेत कई अहम निष्कर्ष मिले हैं। वहीं, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) ने एक बयान जारी करते हुए न्यूज़क्लिक और उससे जुड़े पत्रकारों को निशाना बनाए जाने की निंदा की है। PCI ने इसे पत्रकारों के खिलाफ टारगेटेड कैंपेन करार दिया है। प्रेस क्लब ने अपने बयान में कहा है कि, 'हाल में सांसद समेत कुछ वरिष्ठ राजनेताओं द्वारा यह आरोप लगाया जाना कि न्यूजपोर्टल पड़ोसी देश (चीन के) माउथपीस के रूप में काम कर रहा है, यह चिंतनीय एवं निंदनीय है। अन्य मीडिया हाउस की तरह न्यूजक्लिक भी सरकार के कामकाज का गहन विश्लेषण करता है। इससे वह देशद्रोही या विदेशी का टूल नहीं बन जाता।'
PCI ने आगे कहा कि यदि न्यूजक्लिक पोर्टल की फंडिंग के स्रोत को लेकर जाँच हो रही है, तो इसी तरह पारदर्शिता उन न्यूज पोर्टलों के लिए भी होनी चाहिए, जो सरकार समर्थक हैं और उसके कार्यों का समर्थन करते हैं। ऐसे सभी पोर्टल की फंडिंग की जाँच करने के बाद उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए। यहाँ ये भी गौर करने वाली बात है कि PCI सेलेक्टिव मामलों पर ही बयान जारी करता है और उनकी निंदा करता है। बता दें कि, प्रबीर पुरकायस्थ के पहले PCI ने विवेक रघुवंशी की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया था। विवेक पर जासूसी का आरोप है। वहीं, एक और पत्रकार राजीव शर्मा पर ही जासूसी और देशद्रोह के इल्जाम हैं। प्रेस क्लब उन पत्रकारों के लिए कभी आवाज नहीं उठाता, जो माफियाओं एवं अपराधियों के शिकार बन जाते हैं, क्योंकि ये छोटे शहरों एवं कस्बों के पत्रकार होते हैं और ये PCI जैसे एलीट क्लास के नैरेटिव में फिट नहीं बैठते।
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