आगरा-बाह : एक तरफ तो प्रशासन अवैध खनन की रोक के लिए बड़ी -बड़ी बाते करता हैं. मगर जब सच्चाई सामने आती हैं तो असलियत कुछ और ही होती हैं. कस्बा क्षेत्र के चम्बल सेन्चुरी में प्रतिबंद के बाद भी ना ही अवैध खनन रूका है और न ही पेड़ो की कटाई में कोई कमी आई हैं. अवैध खनन माफियाओ के साथ क्षेत्रीय वन्य कर्मियों की मिली भगत का ही नतीजा हैं की आज चम्बल का पूरा बीहड़ वृक्ष विहीन हो गया हैं.
चम्बल में प्रशासन इतना लाचार है और सुस्त हैं कि दिन में खुले आम अवैध खनन करने वाले ट्रेक्टर और अन्य साधनो से कटी लकड़ी ले जाकर बाजार में बेचते हैं और वो भी बिना किसी डर के यहाँ पर इन लोगो पर लगाम लगाने कि हिम्मत किसी में भी नही हैं. सारा दिन लकड़ियों से भरे ट्रेक्टर बाजार में पहुंचते हैं मगर इनसे पूछताछ करने वाला कोई नही हैं.
गौतलब हो कि चम्बल सेन्चुरी में प्रशासन की बिना अनुमति से घास भी काटना जुर्म है. ऐसे में अवैध खनन माफिया अपना राज खुले आम चला रहे हैं तो इसमें वन विभाग के कर्मचारियों पर मिली भगत का आरोप से इन्कार नही कर सकते है.
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